कोलकाता, 20 दिसंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को लंबित केंद्रीय बकाया मुद्दे पर जब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके साथ आए तृणमूल कांग्रेस के सांसदों के साथ बैठक कर रहे थे, तब विपक्ष के नेता (एलओपी) सुवेंदु अधिकारी राज्य में विभिन्न केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लागू करने में कथित अनियमितताओं के विरोध में साथी भाजपा विधायकों के साथ सचिवालय में प्रवेश कर गए।विपक्ष के नेता ने अपने तीन साथी भाजपा विधायकों के साथ दोपहर में कोलकाता से सटे हावड़ा जिले के मंदिरतला में नबन्ना के राज्य सचिवालय में अचानक प्रवेश कर गए।
कुछ शुरुआती नारेबाजी के बाद, प्रतिनिधिमंडल राज्य के मुख्य सचिव एचके द्विवेदी के कक्ष में गए और कथित तौर पर एक शिकायत सौंपी।
बाद में राज्य सचिवालय से बाहर आने के बाद विपक्ष के नेता ने कहा कि उन्होंने मुख्य सचिव को योजनाओं के लागू करने में अनियमितताओं के बारे में जनता की बढ़ती शिकायतों के बारे में जानकारी दी है।
विपक्ष के नेता ने राज्य सचिवालय गेट पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा, ''मैंने शुरू में मुख्य सचिव से मिलने का समय मांगा था। उनके ऑफिस से कोई जवाब नहीं मिला। आज हम बिना कोई पूर्व सूचना दिए राज्य सचिवालय आ गए। मैं कानून का पालन करने वाला नागरिक हूं। राज्य सचिवालय और उसके आसपास धारा 144 लागू है, इसलिए हम केवल चार लोग आए।''
उन्होंने कहा कि विभिन्न केंद्रीय प्रायोजित परियोजनाओं के तहत बकाया राशि की मांग को लेकर नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक करना मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की नौटंकी है। लेकिन, हम यहां राज्य स्तर पर योजनाओं को लागू करने में अनियमितताओं के कारण विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत लाभ से वंचित लोगों की शिकायतों को सुनने के लिए हैं।
पश्चिम बंगाल में विपक्षी भाजपा विधायकों की आवाज को दबाने की कोशिशें जरूर हो रही हैं। यहां तक कि निर्वाचित भाजपा विधायकों को भी प्रशासनिक समीक्षा बैठकों में आमंत्रित नहीं किया जाता है। विपक्षी विधायकों वाले क्षेत्रों में लोग अपने वाजिब हक से वंचित हैं।
--आईएएनएस
एफजेड/एबीएम