इस्लामाबाद, 3 जनवरी (आईएएनएस)। पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने खुलासा किया है कि प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) देश के खैबर पख्तूनख्वा (केपी) प्रांत के कई विलय वाले जिलों में भर्ती, प्रशिक्षण और आत्मघाती हमलावरों को तैनात करके अपनी मौजूदगी और संख्या बढ़ा रहा है।गृह मंत्रालय ने पाकिस्तान की सीनेट को जानकारी देते हुए कहा कि केपी के विभिन्न जिलों में टीटीपी की बढ़ती मौजूदगी और संचालन चिंता का एक गंभीर कारण है। यह पाकिस्तान-अफगान सीमाओं पर आतंकवादी संगठन के प्रभाव और गतिविधियों को बढ़ाता है।
मंत्रालय ने कहा कि टीटीपी की बढ़ती मौजूदगी का कारण अंतरिम अफगान सरकार की निष्क्रियता है, जिसने अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद नियंत्रण ले लिया था।
उच्च सदन में मंत्रालय की लिखित प्रतिक्रिया में यह भी बताया गया कि 2023 में पाकिस्तान और टीटीपी के बीच शांति वार्ता के दौरान टीटीपी का पुन उद्भव और पुनर्गठन काफी बढ़ गया। बातचीत को अफगान तालिबान द्वारा सरल बनाया गया और काबुल में आयोजित किया गया।
यह उस शांति समझौते के कारण ही था कि हजारों टीटीपी आतंकवादियों ने खुद को अफगानिस्तान की सीमा से लगे केपी के विलय वाले जिलों में बसा लिया और बाद में अपनी आतंकी गतिविधियों को बढ़ा दिया।
मंत्रालय के एक लिखित बयान में कहा गया है कि टीटीपी ने अपनी गतिविधियों में वृद्धि की है, ताकत और क्षमताएं बढ़ाने के लिए अन्य आतंकवादी समूहों का समर्थन मांग रहा है। यह ज्यादातर केपी में केंद्रित है, विशेष रूप से बलूचिस्तान में पदचिह्न वाले विलय वाले जिलों में और देश में अपने नेटवर्क को सक्रिय करने की कोशिश कर रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार, टीटीपी के ताशकीलों का बड़ी संख्या में विलय वाले जिलों में आगमन, भर्ती, प्रशिक्षण और आत्मघाती हमलावरों को रखना चिंता का विषय है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि टीटीपी के साथ-साथ इस्लामिक स्टेट का गुट दाएश भी पाकिस्तान में अपने पैर जमाने की कोशिश कर रहा था। देश में सांप्रदायिक अशांति और अराजकता फैलाने के उद्देश्य से शिया मुसलमानों और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ आतंकी गतिविधियों का सहारा ले रहा था।
पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों में 2023 के बाद से एक बड़ा उछाल देखा गया है क्योंकि टीटीपी (नया नाम तहरीक-ए-जिहाद पाकिस्तान- टीजेपी), इसके सहयोगी समूह और दाएश लक्षित हत्याओं, सैन्य प्रतिष्ठानों पर बम हमलों और आत्मघाती बम विस्फोटों सहित बड़े आतंकवादी हमलों को अंजाम दे रहे हैं।
2023 के दौरान सुरक्षाबलों पर सबसे घातक हमलों में कम से कम 23 पाकिस्तानी सेना के सैनिक मारे गए थे और 30 से अधिक सैनिक घायल हुए थे। 12 दिसंबर को टीजेपी आतंकवादियों ने डेरा इस्माइल खान के दरबान क्षेत्र में सेना द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले परिसर पर हमला किया था।
हालिया घटना में उत्तरी वजीरिस्तान की मीर अली तहसील के मोसाकी गांव में कम से कम छह हज्जामों की अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। सभी मृतक पंजाब प्रांत के निवासी थे।
पाकिस्तान देश में बढ़ते आतंकवाद के मुद्दे को टीटीपी आतंकवादियों के खिलाफ अफगान तालिबान की निष्क्रियता और दशकों से पाकिस्तान में रह रहे अवैध गैर-दस्तावेज अफगान नागरिकों की उपस्थिति से जोड़ता है।
यही कारण है कि सरकार पाकिस्तान से सभी अवैध अप्रवासियों को निर्वासित कर रही है। विदेशी कहे जाने वाले किसी भी अवैध अप्रवासी को देश में आगे रहने की अनुमति नहीं देने का सख्त रुख अपनाया है।
--आईएएनएस
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