भोपाल, 7 जनवरी (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के 24 किलोमीटर लंबे बीआरटीएस काॅरीडोर को हटाया जाना है जिस पर 18 करोड़ से ज्यादा की लागत आएगी। राज्य में भाजपा के चुनाव जीतने और डॉ. मोहन यादव द्वारा मुख्यमंत्री की कमान संभालने के बाद भोपाल के बीआरटीएस काॅरीडोर को हटाने का ऐलान किया था। वहीं नगरीय प्रशासन के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए। यह कार्ययोजना बन चुकी है।
मुख्य सचिव वीरा राणा की अध्यक्षता में हुई बैठक में बताया गया कि मिसरोद से एम्प्री (होशंगाबाद रोड) सेक्शन की कुल लम्बाई 6.7 किलोमीटर में आवश्यक सुधार किये जायेंगे। इस भाग में पर्याप्त राइट ऑफ वे एवं भूमि उपलब्ध होने के बाद भी वाहनों के लिये मात्र दो लेन का स्थान उपलब्ध है। कॉरीडोर में बस लेन को छोड़कर बीआरटीएस में दोनों तरफ तीन-तीन कुल छह लेन मार्ग किया जायेगा। इसके लिये कॉरीडोर हटाया जायेगा। इस पर 11 करोड़ 67 लाख रुपये की राशि खर्च होगी।
इसके साथ ही कॉरीडोर में निर्मित साइकिल ट्रेक में भी सुधार किया जायेगा। इस कार्य के बाद दोपहिया वाहनों का उपयोग सुलभ तरीके से हो सकेगा। बीआरटीएस के रोशनपुरा से कमला पार्क मार्ग, जिसकी लम्बाई 1.42 किलोमीटर की है, में डेडिकेटेड कॉरीडोर हटाया जायेगा और मिक्स्ड वाहनों के लिये तीन लेन सड़क मय सेंट्रल वर्ज बनाया जायेगा। इस पर लगभग तीन करोड़ 21 लाख रुपये की राशि खर्च होगी।
कलेक्ट्रेट से लालघाटी मार्ग तक की लम्बाई 1.73 किलोमीटर है। इस स्थान पर भी डेडिकेटेड कॉरीडोर हटाया जायेगा। यहाँ पर सामान्य वाहनों के लिये दोनों तरफ तीन-तीन लेन उपलब्ध कराये जायेंगे। इस पर तीन करोड़ 63 लाख रुपये खर्च होंगे।
बीआरटीएस कॉरीडोर में हलालपुर से सीहोर नाका मार्ग, जो 3.81 किलोमीटर का है, मुख्य रूप से भोपाल-इंदौर मार्ग का हिस्सा है। इसमें सुधार का कार्य लोक निर्माण विभाग द्वारा किया जायेगा। लोक निर्माण विभाग ने इस स्थान पर एलिवेटेड कॉरीडोर बनाने के लिये परियोजना स्वीकृत कर दी है और निविदा कार्य आदेश भी जारी हो गये हैं। इस भाग में लोक निर्माण विभाग की एजेन्सी द्वारा बीआरटीएस कॉरीडोर में पिलर्स का कार्य किया जायेगा। इसके बाद इस मार्ग में डेडिकेटेड कॉरीडोर खत्म हो जायेगा।
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