नई दिल्ली, 16 नवंबर (आईएएनएस)। भारत की सबसे बड़ी सेल्फ-इंकिंग और प्री-इंकिंग स्टांप बनाने वाली कंपनी ट्रोडैट मार्किंग ने हाल ही में अदालती आदेशों के तहत मुंबई स्थित कीवी मार्किं ग के कारखाने के परिसर और कॉर्पोरेट कार्यालय में छापेमारी की, जिसमें बड़े पैमाने पर नकली गतिविधियों का पता चला। ट्रोडैट ने अपने वकीलों, ओआरटीआईएस लॉ ऑफिस, नई दिल्ली और अहमदाबाद स्थित एक कानूनी फर्म के माध्यम से वाणिज्यिक न्यायालय, साकेत, नई दिल्ली के समक्ष कीवी मार्किं ग के खिलाफ एक पेटेंट उल्लंघन का मुकदमा दायर किया था, जो कथित रूप से ट्रोडैट की पेटेंट तकनीक का उपयोग कर नकली स्टाम्प बना और बेच रहे थे।
ट्रोडैट का दावा है कि इस तरह के नकली उत्पाद उसकी पेटेंट तकनीक का उपयोग करके निर्मित किए जाते हैं और नकली उत्पादों को कम कीमतों पर बेचा जाता है, जिससे ट्रोडैट के बाजार आधार में बाधा आती है। ट्रोडैट ने सफलतापूर्वक वाणिज्यिक न्यायालय से एक अंतरिम आदेश प्राप्त किया, जिसके कारण वसई पूर्व, मुंबई और गोरेगांव, मुंबई में अदालत द्वारा नियुक्त आयुक्तों द्वारा औचक छापे मारे गए, जो क्रमश: कीवी के संयंत्र और कार्यालय हैं।
छापे के परिणामस्वरूप हजारों सस्ते और निम्न-गुणवत्ता वाले टिकटों की खोज हुई है जो कथित तौर पर ट्रोडैट की पेटेंट तकनीक का उल्लंघन करते हैं। यह भी समझा जाता है कि ऑस्ट्रिया स्थित ट्रो ग्रुप का हिस्सा ट्रोडैट इंडिया देश के कानूनों के अनुसार अन्य नकली निर्माताओं के खिलाफ इस तरह की उपचारात्मक कार्रवाई करने के लिए दृढ़ संकल्पित है।
इस तरह की कार्रवाइयां केवल नकली गतिविधियों को उजागर करती हैं जो लगभग सभी उपभोक्ता क्षेत्रों में भारतीय बाजारों को प्रभावित करती हैं और केवल गुणवत्ता के निर्दोष उपभोक्ताओं को धोखा देती हैं।
--आईएएनएस
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