नई दिल्ली, 7 अप्रैल (आईएएनएस)। सरकार ने गुरुवार को प्राकृतिक गैस पर किरीट पारिख समिति की सिफारिशों के आधार पर पाइप्ड कुकिंग गैस की कीमतों को सीमित करने के लिए एक नए गैस मूल्य निर्धारण फॉर्मूले को मंजूरी दे दी।सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट बैठक के बाद मीडियाकर्मियों से कहा, आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार, विरासत या पुराने क्षेत्रों से उत्पादित प्राकृतिक गैस, जिसे प्रशासित मूल्य निर्धारण तंत्र (एपीएम) गैस के रूप में जाना जाता है, को अब कच्चे तेल की कीमत के आधार पर मूल्य निर्धारण के बजाय अनुक्रमित किया जाएगा।
1 अप्रैल से एपीएम गैस की कीमत भारतीय क्रूड बास्केट के मासिक औसत के 10 फीसदी पर होगी।
हालांकि इस तरह की दर 8.57 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू के मौजूदा गैस मूल्य के मुकाबले 6.5 डॉलर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट पर कैप की जाएगी।
द्वि-वार्षिक संशोधन की मौजूदा प्रथा के बजाय हर महीने दरें तय की जाएंगी।
ओएनजीसी (NS:ONGC) और ओआईएल के नामांकन क्षेत्रों में नए कुओं या हस्तक्षेपों से उत्पादित गैस को एपीएम मूल्य से 20 प्रतिशत अधिक प्रीमियम की अनुमति होगी।
इस कदम से घरों में पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) और परिवहन के लिए कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी) की कीमतों में भारी कमी आएगी।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि नए दिशानिर्देशों का उद्देश्य घरेलू गैस उपभोक्ताओं के लिए स्थिर मूल्य निर्धारण व्यवस्था सुनिश्चित करना है, साथ ही उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन के साथ उत्पादकों को प्रतिकूल बाजार में उतार-चढ़ाव से पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करना है।
सरकार ने 2030 तक भारत में प्राथमिक ऊर्जा मिश्रण में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी मौजूदा 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है।
सूत्रों ने कहा कि सुधारों से प्राकृतिक गैस की खपत बढ़ाने में मदद मिलेगी और उत्सर्जन में कमी और शुद्ध शून्य के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी।
कम कीमतों से उर्वरक सब्सिडी का बोझ भी कम होगा और घरेलू बिजली क्षेत्र को मदद मिलेगी।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, गैस की कीमतों में एक फ्लोर के प्रावधान के साथ-साथ नए कुओं के लिए 20 प्रतिशत प्रीमियम के प्रावधान के साथ यह सुधार ओएनजीसी और ओआईएल को अपस्ट्रीम क्षेत्र में अतिरिक्त दीर्घकालिक निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करेगा जिससे प्राकृतिक गैस का अधिक उत्पादन होगा।
देश में उत्पादित गैस के मूल्य निर्धारण फॉर्मूले की समीक्षा के लिए सरकार द्वारा गठित किरीट पारिख समिति ने 1 जनवरी, 2027 तक प्राकृतिक गैस की कीमतों के पूर्ण उदारीकरण की सिफारिश की थी।
पैनल ने नवंबर 2022 में सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी।
--आईएएनएस
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