नयी दिल्ली, 2 जून (आईएएनएस)। नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एनआरएआई) ने गुरुवार को सरकार को कहा कि ग्राहकों से सर्विस चार्ज लेना रेस्टोरेंट्स की निजी पॉलिसी का मामला है और इसे वसूलना कहीं से भी अवैध नहीं है।उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के साथ बैठक में एनआरएआई के अधिकारियों ने कहा कि वे 2017 के अपने बयान में डटे हैं कि सर्विस चार्ज लेना अवैध नहीं है।
एनआरएआई के अध्यक्ष ने विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि वह मंत्रालय को इस बैठक के आयोजन के लिए धन्यवाद देते हैं। लोगों के बीच आजकल सर्विस चार्ज को लेकर काफी चर्चा होने लगी है, जिससे अनावश्यक भ्रम पैदा हो रहा है और रेस्टोरेंट के काम में बाधा पहुंच रही है।
उन्होंने कहा कि एसोसिएशन ने मंत्रालय को इस संबंध में पूरे सबूत दिये हैं कि सर्विस चार्ज लेना न ही अवैध है और न ही गलत व्यापार नीति है। उन्होंने कहा कि सर्विस चार्ज पूरी तरह पारदर्शी होता है और सरकार को भी इससे राजस्व की प्राप्ति होती है।
एनआरएआई ने कहा कि रेस्टोरेंट मेन्यू कार्ड में या परिसर में सर्विस चार्ज के बारे में पूरी जानकारी देते हैं। ऐसे में अगर ग्राहक उसके बावजूद भी कुछ ऑर्डर करते हैं तो इसका मतलब है कि वे सर्विस लेने से पहले ही सर्विस चार्ज वसूले जाने के बारे में जानते थे।
अगर सर्विस चार्ज लिये जाने की जानकारी होने के बावजूद भी ग्राहक ऑर्डर दे रहे हैं तो यह दो पक्षों के बीच हुए समझौते की बात हो जाती है और यह अवैध नहीं है।
--आईएएनएस
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