लखनऊ, 28 जून (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि शिशुओं को असहाय न छोड़ें। यदि शिशु के पालन-पोषण में दिक्कत है या दूसरी सामाजिक अड़चनें आ रही हैं तो उन्हें आश्रय पालना स्थल को दे सकते हैं। शिशु की किलकारी में ही ईश्वर का आशीर्वाद छिपा है। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक बुधवार को किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिविर्सटी के क्वीनमेरी हॉस्पिटल में आश्रय पालन स्थल के शुभारंभ के मौके पर बोल रहे थे। डिप्टी सीएम ने कहा कि शिशु का प्यार और दुलार से भविष्य संवारा जा सकता है। किसी भी अनचाहे नवजात को यूं ही कहीं भी न फेंकें। इससे शिशु का जीवन खतरे में पड़ सकता है। क्वीनमेरी के मुख्य गेट के पास स्थापित आश्रय पालन स्थल में छोड़ सकते हैं। यहां से शिशु की उचित देखभाल का मार्ग प्रशस्त होगा।
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि आश्रय पालना स्थल का ठीक से संचालन किया जाए। जरूरी संसाधन उपलब्ध कराए जाएं। इसके संचालन में किसी भी तरह की अड़चन नहीं आने दी जायेगी। सरकार हरसंभव मदद प्रदान करेगी।
मां भगवती विकास संस्थान उदयपुर के संस्थापक संचालक योगगुरु देवेंद्र अग्रवाल ने बताया कि अनचाहे नवजात विशेष रूप से बेटियां, जिन्हें जन्म लेते ही क्रूरतापूर्वक डस्टबिन, कंटीली झाड़ियों, नदी, तालाब, कुएं में फेंक दिया जाता है, इसमें कईयों की मौत हो जाती है और कई गलत कामों में ढकेल दी जाती हैं। इसे रोकने के लिए यह मुहिम शुरू की गई है।
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