बेंगलुरू, 21 सितम्बर (आईएएनएस)। प्रमुख आईटी कंपनी विप्रो (NS:WIPR) ने अपने एक प्रमुख प्रतिद्वंद्वी के साथ मूनलाइटिंग करते हुए पाए गए 300 कर्मचारियों को एक ही समय में बर्खास्त कर दिया है। कंपनी के अध्यक्ष ऋषद प्रेमजी ने बुधवार को इसकी जानकारी दी।अखिल भारतीय प्रबंधन संघ (एआईएमए) के राष्ट्रीय प्रबंधन सम्मेलन में बोलते हुए, प्रेमजी ने मूनलाइटिंग को अपने सबसे गहरे रूप में अखंडता का पूर्ण उल्लंघन बताया।
विप्रो के अध्यक्ष ने कहा, वास्तविकता यह है कि आज ऐसे लोग हैं जो विप्रो के लिए काम कर रहे हैं और सीधे हमारे एक प्रतियोगी के लिए काम कर रहे हैं और हमने पिछले कुछ महीनों में वास्तव में 300 लोगों की खोज की है जो ठीक ऐसा ही कर रहे हैं।
कंपनी ने अब अखंडता उल्लंघन के कार्य के लिए उनके रोजगार को समाप्त कर दिया है।
प्रेमजी ने हाल ही में कहा था कि नियमित नौकरी के अलावा दूसरी नौकरी की अवधारणा सादा और सरल धोखा है।
उन्होंने ट्वीट किया था, तकनीक उद्योग में मूनलाइटिंग वाले लोगों के बारे में बहुत सारी बातें हैं। यह धोखा है - सादा और सरल।
भारत में मूनलाइटिंग को लेकर हंगामे के बीच, क्लाउड प्रमुख आईबीएम ने पिछले हफ्ते स्पष्ट किया कि यह प्रथा नैतिक नहीं है और कंपनी कार्यस्थल पर इस तरह के व्यवहार को बढ़ावा नहीं देती है।
आईबीएम इंडिया के प्रबंध निदेशक संदीप पटेल ने कहा कि कंपनी की स्थिति बिल्कुल देश में समग्र उद्योग की है।
उन्होंने कहा, हमारे सभी कर्मचारी जब कार्यरत होते हैं, तो वे एक समझौते पर हस्ताक्षर करते हैं जो कहता है कि वे आईबीएम के लिए पूर्णकालिक काम करने जा रहे हैं। इसलिए मूनलाइटिंग उनके लिए नैतिक रूप से सही नहीं है।
मूनलाइटिंग कर्मचारियों को उनके प्राथमिक कार्य घंटों के बाहर काम करने की अनुमति देता है।
स्विगी जैसे कुछ स्टार्टअप और यूनिकॉर्न ने इस प्रथा को प्रोत्साहित किया है, जबकि अधिकांश पारंपरिक कंपनियां इसे धोखाधड़ी कह रही हैं।
--आईएएनएस
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