पटना, 17 नवंबर (आईएएनएस)। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार लोकसेवा आयोग (बीपीएससी) के नवनियुक्त शिक्षकों को अपना संघ या मंच बनाने से रोकने की कार्रवाई कर नीतीश कुमार राज्य में आपातकाल जैसी स्थिति बना रहे हैं। मोदी ने शुक्रवार को कहा कि आज बीपीएससी के शिक्षक अभ्यर्थियों और नवनियुक्त शिक्षकों के लोकतंत्रिक अधिकार कुचले जा रहे हैं। उन्होंने आशंका जताते हुए कहा कि कल अन्य कर्मचारियों पर यही सख्ती होगी और फिर विपक्ष की आवाज दबायी जाएगी। बीपीएससी नवनियुक्त शिक्षक संघ गठित करने के आरोप में मधुबनी की शिक्षिका बबीता चौरसिया की नियुक्ति आनन-फानन में रद्द करना अतिपिछड़ा समाज का अपमान है। सरकार को यह आदेश वापस लेना चाहिए।
मोदी ने कहा कि नीतीश सरकार ने यूट्यूबर मनीष कश्यप को फर्जी मामले में गिरफ्तार कर पहले ही अपना तानाशाही चेहरा दिखा दिया था। मीडिया पर सरकार विरोधी सामग्री न छापने का दबाव बढता जा रहा है और अब इनके निशाने पर युवा शिक्षक हैं।
उन्होंने कहा कि जो सरकार बालू, शराब माफिया के आगे घुटने टेक चुकी है, वह आयोग की शिक्षक भर्ती परीक्षा पर सवाल उठाने वाले आधा दर्जन युवा अभ्यर्थियों को नोटिस देकर उन्हें डराना चाहती है। शिक्षक अभ्यर्थियों के नाम, फोटो सार्वजनिक करने वाली सरकार में यदि हिम्मत है, तो वह जमुई में दारोगा की हत्या के आरोपितों के नाम भी फोटो के साथ सार्वजनिक करे। जब इंदिरा गांधी की तानाशाही नहीं चली, तो इस सरकार की तानाशाही नहीं चलेगी। भाजपा और बिहार के युवा इस रवैये के विरुद्ध कमर कस चुके हैं।
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