नई दिल्ली, 10 दिसम्बर (आईएएनएस)। भारतपे के पूर्व सह-संस्थापक और प्रबंध निदेशक अश्नीर ग्रोवर ने शनिवार को दावा किया कि उनकी किताब दोगलापन ने भारतपे के अधिकारियों के बीच दहशत पैदा कर दी और यही कारण है कि फिनटेक कंपनी ने स्पष्ट रूप से उनके खिलाफ कई मामले दर्ज किए थे, जिसमें 88.6 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी का मामला भी शामिल था।ट्विटर पर एक फॉलोअर द्वारा मुफ्त कॉपी मांगने पर प्रतिक्रिया देते हुए ग्रोवर ने कहा, ना भाई-बिजनेस इज बिजनेस-किताब पहले आ गई थी-यह केस शेस तो इसे आए क्यों कि किताब से सब की ..।
उन्होंने आगे पोस्ट किया, वैसे- असली सच्चाई अब अमेजन पर तत्काल डिलीवरी के लिए उपलब्ध है। जिस किताब ने इतना धमाल मचाया- पढ़नी तो बनती है! अब आएगा असली मजा!।
हालाँकि, उन्होंने भारतपे का सीधे तौर पर उल्लेख नहीं किया क्योंकि दिल्ली उच्च न्यायालय के क्रोध से बचने के लिए जहां सुनवाई अभी चल रही है और अगली तारीख जनवरी में है।
अदालत ने भारतपे के पूर्व प्रबंध निदेशक और उनके परिजनों को कंपनी के खिलाफ मानहानिकारक बयान देने से रोकने के आदेश की मांग वाली कंपनी द्वारा दायर याचिका पर नोटिस और समन जारी किया है।
ग्रोवर के खिलाफ एक अन्य कदम में, भारतपे ने सिंगापुर इंटरनेशनल आर्ब्रिटेशन सेंटर (एसआईएसी) के साथ मध्यस्थता के लिए दायर किया है ताकि उनकी 1.4 प्रतिशत शेयरधारिता को प्रतिबंधित किया जा सके और साथ ही साथ उनके संस्थापक शीर्षक को भी छीन लिया जा सके।
ग्रोवर के पास कंपनी का लगभग 8.5 प्रतिशत हिस्सा है और इसमें से 1.4 प्रतिशत निहित होना बाकी है।
--आईएएनएस
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