मेरठ, 2 अगस्त (आईएएनएस)। पश्चिमी यूपी अब गन्ने के साथ ड्रैगन फ्रूट के लिए भी जाना जाएगा। राज्य सरकार पारंपरिक खेती के अलावा अन्य खेती के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए औद्यानिक मिशन अभियान चला रही है। इसी के तहत यहां के किसान बड़ी मात्रा में ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे हैं। मेरठ के प्रगतिशील किसान सचिन चौधरी ने अपनी पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही गन्ने की खेती को छोड़कर ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू की है। सचिन ने ये खेती मवाना क्षेत्र के भैंसा गांव में शुरू की है। सचिन का कहना है कि पिछले साल अप्रैल में उन्होंने गुजरात से 1600 पौधे लाकर एक एकड़ में उसकी रोपाई की थी। इसके लिए एक एकड़ में 400 पोल खड़े किए गए और प्रति पोल पर चार पौधे कैक्टस बेल की तरह लगाए गए।
हालांकि इस पर फूल आना शुरू हो गए हैं और कुछ ही समय में ड्रैगन फ्रूट का उत्पादन भी होगा। सचिन ने बताया कि एक एकड़ में ड्रैगन फ्रूट की खेती करने के लिए लगभग पांच लाख रुपये की लागत आई है। फुटकर बाजार में ड्रैगन फ्रूट के एक पीस की कीमत 200 से 250 रुपये तक होती है। अप्रैल से अक्टूबर तक फल का उत्पादन होगा। ड्रैगन फ्रूट के पौधे की आयु 15 से 20 वर्ष होती है। सचिन का कहना है कि पांचवें साल से उन्हें लगभग सालाना आठ लाख संभावित आमदनी की उम्मीद है।
वहीं गिरते जलस्तर को देखते हुए जल बचाने के लिए भी सचिन ने खास उपाय निकाला है। ड्रैगन फ्रूट के खेत में सचिन चौधरी ने सिंचाई के लिए ड्रिप सिंचाई का उपयोग किया है। इससे जल संरक्षण तो होगा ही साथ ही बिजली की बचत भी होगी। उन्होंने बताया कि ड्रैगन फ्रूट का उत्पादन होने पर वह फल को बेचने के लिए दिल्ली की गाजीपुर मंडी समेत बड़ी मंडियों में जाएंगे। वहां पर अच्छे दाम मिलने की पूरी उम्मीद है।
जिला उद्यान अधिकारी गमपाल सिंह का कहना है कि ड्रैगन फ्रूट की खेती मेरठ के किसानों के लिए अच्छा संकेत है। सरकार की ओर से प्रोत्साहन के तौर पर औद्यानिक खेती करने वाले किसानों को अनुदान भी दिया जा रहा है। ड्रैगन फ्रूट फल मंडी में काफी महंगा बिकता है, जिससे किसानों की आय में काफी वृद्धि होगी।
--आईएएनएस
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