चेन्नई, 29 अप्रैल (आईएएनएस)। गोवा के एक होटल में सरकारी स्वामित्व वाले बैंक के एक कार्यक्रम में नर्तकियों के नाचने के वीडियो ने तूल पकड़ लिया और एक प्रमुख बैंकिंग यूनियन ने इसपर आपत्ति जताई है।अखिल भारतीय बीमा कर्मचारी संघ (एआईबीईए) के महासचिव सी.एच. वेंकटचलम ने शुक्रवार को आईएएनएस को बताया, एक सरकारी स्वामित्व वाले बैंक की एक जीवन बीमा सहायक कंपनी एक पार्टी की मेजबानी कर रही है, जहां महिलाओं का एक समूह गोवा के एक होटल में एक अन्य सरकारी स्वामित्व वाले बैंक के कर्मचारियों का मनोरंजन कर रहा है। यह और कुछ नहीं बल्कि एक घिनौना कृत्य है।
उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार, भारतीय रिजर्व बैंक और भारतीय बीमा नियामक विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) को आवश्यक कार्रवाई करनी चाहिए ताकि इस तरह के अश्लील कृत्यों को दोहराया न जाए जिससे बैंकरों की प्रतिष्ठा कम होती है।
इसमें शामिल संगठन एसबीआई (NS:SBI) लाइफ इंश्योरेंस (NS:SBIL) और कोलकाता स्थित यूको बैंक (NS:UCBK) हैं। एसबीआई लाइफ भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की सहायक कंपनी है।
वेंकटचलम ने आईएएनएस को बताया, यह हमारे संज्ञान में आया है कि एसबीआई लाइफ ने हाल ही में यूको बैंक के अधिकारियों के लिए गोवा के एक होटल में एक अश्लील मनोरंजन पार्टी का आयोजन किया था।
उन्होंने कहा कि कम कपड़े पहनी महिला नर्तकियों के साथ नृत्य कार्यक्रम का एक वीडियो बैंकरों के बीच घूम रहा है।
वेंकटचलम ने कहा, मैंने वीडियो क्लिप के साथ वित्तीय सेवा विभाग के सचिव को शिकायत भेजी है।
अपनी शिकायत में वेंकटचलम ने केंद्र सरकार से कहा, जानकारी के मुताबिक यह हाल ही में गोवा के एक होटल में एसबीआई लाइफ द्वारा यूको बैंक को दी गई पार्टी थी।
उन्होंने कहा, बैंक कर्मचारियों में पहले से ही व्यापक असंतोष है कि विभिन्न स्तरों पर बैंक प्रबंधन बीमा कंपनी उत्पादों के लिए व्यवसाय सुरक्षित करने के लिए शाखा प्रबंधकों पर अनुचित दबाव डाल रहे हैं।
उन्होंने कहा, एसबीआई एक प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक है और एसबीआई लाइफ उसकी सहायक कंपनी है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को इस तरह की मनोरंजन पार्टियां देना बेहद आपत्तिजनक है।
वेंकटचलम ने कहा, हम महसूस करते हैं कि डीएफएस (वित्तीय सेवा विभाग) को इस मामले को देखना चाहिए और जांच करनी चाहिए। साथ ही बैंकों को आवश्यक दिशानिर्देश जारी करना चाहिए।
एआईबीईए अधिकारी ने आईआरडीएआई से अपील की कि इस पार्टी का खर्चा कंपनी पर नहीं आना चाहिए।
--आईएएनएस
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