ब्लैक फ्राइडे अभी है! 60% की छूट InvestingPro तक का लाभ उठाने से न चूकेंसेल को क्लेम करें

यूपी में लोकसभा चुनाव में धर्म, राजनीति का मिला-जुला असर लोगों के सिर चढ़कर बोलेगा

प्रकाशित 30/12/2023, 08:55 pm
यूपी में लोकसभा चुनाव में धर्म, राजनीति का मिला-जुला असर लोगों के सिर चढ़कर बोलेगा

लखनऊ, 30 दिसंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश शायद देश का एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां 2024 के लोकसभा चुनाव में धर्म और राजनीति का मिला जुला-असर लोगों के सिर चढ़कर बोलेगा।उत्तर प्रदेश नए साल में राम मंदिर के भव्य उद्घाटन के साथ प्रवेश करेगा। यह लोकसभा चुनाव के लिए बड़े पैमाने पर शुरू होने वाले चुनावी अभियान से पहले होगा, जिसका राजनीति पर प्रभाव पड़ना तय है।

राम मंदिर भी बीजेपी का सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा होगा, जो विपक्ष को जवाबी हमला करने का मौका नहीं देगा।

2024 का लोकसभा चुनाव उत्तर प्रदेश के लिए एक मील का पत्थर है। प्रदेश लोकसभा में अधिकतम 80 सांसद भेजता है और केंद्र में सरकार बनाने में मदद करता है।

जैसे-जैसे चुनावी सरगर्मियां तेज होंगी, मंदिर और लोकसभा चुनाव इस हद तक आपस में जुड़ जाएंगे कि एक-दूसरे को प्रभावित करेंगे। दोनों घटनाक्रम राज्य के लिए निर्णायक क्षण होंगी।

इसके अलावा, काशी-ज्ञानवापी और मथुरा-कृष्ण जन्मभूमि मुद्दे भी अदालतों में पहुंच गए हैं और 2024 में होने वाली घटनाएं इन दो तीर्थस्थलों के इर्द-गिर्द घूमेंगी।

इसलिए, इस वर्ष हिंदुत्व का उभार पहले कभी नहीं देखा जाएगा और भाजपा को अयोध्या-काशी-मथुरा में मंदिरों को मुगलों से मुक्त कराने का अपना वादा पूरा होता दिखेगा।

इससे सत्तारूढ़ भाजपा को आम चुनावों में बड़ा फायदा होगा। यदि उनका अभियान योजना के अनुसार चलता है, तो यह जातिवाद पर भी हावी हो सकता है, जिससे फिर से भाजपा को फायदा होगा।

वर्ष 2024 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी एक अद्वितीय हिंदू नेता के रूप में उभरेंगे। पिछले डेढ़ साल से, योगी आदित्यनाथ अपना अधिकांश समय 'नई अयोध्या' के विकास की योजना बनाने में बिता रहे हैं।

वह यह सुनिश्चित करने के लिए लगभग हर हफ्ते अयोध्या का दौरा कर रहे हैं कि सभी परियोजनाएं निर्धारित समय के भीतर पूरी हो जाएं और गुणवत्ता मानकों के अनुरूप हों। राम मंदिर का उद्घाटन और आम चुनाव के बाद योगी का रुतबा बढ़ने से बीजेपी के भीतर भी सत्ता समीकरण बदलने की उम्मीद है।

इस बीच, उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनावों में ज्यादा आश्चर्य नहीं होगा क्योंकि विपक्ष बुरी तरह बंटा हुआ है और इंडिया गठबंधन के घटकों के बीच मतभेद अभी तक दूर नहीं हुए हैं।

आम तौर पर समाजवादी पार्टी (सपा) और खासकर अखिलेश यादव का भविष्य लोकसभा चुनाव में तय होगा। 2017 में जबसे अखिलेश ने पार्टी की कमान संभाली है, तब से सपा यूपी की राजनीति में अग्रणी बनकर उभरने में विफल रही है।

यदि अखिलेश और उनकी पार्टी आम चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने में विफल रहती है, तो उन्हें सपा में विद्रोह का सामना करना पड़ सकता है।

स्वामी प्रसाद मौर्य जैसे नेताओं से निपटने में अखिलेश की असमर्थता को लेकर सपा के भीतर पहले से ही असंतोष पनप रहा है, जिनके हिंदू धर्म पर हमलों से पार्टी में ऊंची जाति के हिंदू पहले से ही नाराज हैं।

मो. आजम खान के जेल में बंद होने के कारण सक्रिय राजनीति से अनुपस्थिति ने सपा में मुसलमानों को नेतृत्वहीन बना दिया है। अखिलेश ने भी समुदाय की समस्याओं में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई है।

राजनीतिक विश्लेषकों की राय है कि अगर स्थिति नहीं बदली तो मुसलमानों का एक बड़ा वर्ग कांग्रेस की ओर जा सकता है। जिसे राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में देखा जा रहा है। दूसरी ओर, बसपा आम चुनाव पर अपने रुख को लेकर लगातार असमंजस की स्थिति में बनी हुई है।

मायावती की पार्टी गठबंधन में शामिल होने को लेकर अनिश्चित है। पार्टी के कार्यकर्ता भी असमंजस की स्थिति में हैं। पार्टी, जो हाल के चुनावों में पहले ही सबसे निचले पायदान पर पहुंच चुकी है, ने अभी तक आम चुनावों के लिए कोई रणनीति नहीं बनाई है।

--आईएएनएस

एफजेड/एबीएम

नवीनतम टिप्पणियाँ

हमारा ऐप इंस्टॉल करें
जोखिम प्रकटीकरण: वित्तीय उपकरण एवं/या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग में आपके निवेश की राशि के कुछ, या सभी को खोने का जोखिम शामिल है, और सभी निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। क्रिप्टो करेंसी की कीमत काफी अस्थिर होती है एवं वित्तीय, नियामक या राजनैतिक घटनाओं जैसे बाहरी कारकों से प्रभावित हो सकती है। मार्जिन पर ट्रेडिंग से वित्तीय जोखिम में वृद्धि होती है।
वित्तीय उपकरण या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने का निर्णय लेने से पहले आपको वित्तीय बाज़ारों में ट्रेडिंग से जुड़े जोखिमों एवं खर्चों की पूरी जानकारी होनी चाहिए, आपको अपने निवेश लक्ष्यों, अनुभव के स्तर एवं जोखिम के परिमाण पर सावधानी से विचार करना चाहिए, एवं जहां आवश्यकता हो वहाँ पेशेवर सलाह लेनी चाहिए।
फ्यूज़न मीडिया आपको याद दिलाना चाहता है कि इस वेबसाइट में मौजूद डेटा पूर्ण रूप से रियल टाइम एवं सटीक नहीं है। वेबसाइट पर मौजूद डेटा और मूल्य पूर्ण रूप से किसी बाज़ार या एक्सचेंज द्वारा नहीं दिए गए हैं, बल्कि बाज़ार निर्माताओं द्वारा भी दिए गए हो सकते हैं, एवं अतः कीमतों का सटीक ना होना एवं किसी भी बाज़ार में असल कीमत से भिन्न होने का अर्थ है कि कीमतें परिचायक हैं एवं ट्रेडिंग उद्देश्यों के लिए उपयुक्त नहीं है। फ्यूज़न मीडिया एवं इस वेबसाइट में दिए गए डेटा का कोई भी प्रदाता आपकी ट्रेडिंग के फलस्वरूप हुए नुकसान या हानि, अथवा इस वेबसाइट में दी गयी जानकारी पर आपके विश्वास के लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं होगा।
फ्यूज़न मीडिया एवं/या डेटा प्रदाता की स्पष्ट पूर्व लिखित अनुमति के बिना इस वेबसाइट में मौजूद डेटा का प्रयोग, संचय, पुनरुत्पादन, प्रदर्शन, संशोधन, प्रेषण या वितरण करना निषिद्ध है। सभी बौद्धिक संपत्ति अधिकार प्रदाताओं एवं/या इस वेबसाइट में मौजूद डेटा प्रदान करने वाले एक्सचेंज द्वारा आरक्षित हैं।
फ्यूज़न मीडिया को विज्ञापनों या विज्ञापनदाताओं के साथ हुई आपकी बातचीत के आधार पर वेबसाइट पर आने वाले विज्ञापनों के लिए मुआवज़ा दिया जा सकता है।
इस समझौते का अंग्रेजी संस्करण मुख्य संस्करण है, जो अंग्रेजी संस्करण और हिंदी संस्करण के बीच विसंगति होने पर प्रभावी होता है।
© 2007-2024 - फ्यूजन मीडिया लिमिटेड सर्वाधिकार सुरक्षित