गुवाहाटी/अगरतला, 29 जुलाई (आईएएनएस)। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को कहा कि पूर्वोत्तर में रोहिंग्याओं की घुसपैठ चिंताजनक है।मुख्यमंत्री ने कहा, “दलालों का एक नेटवर्क है जो रोहिंग्याओं को त्रिपुरा और वहां से असम और देश के बाकी हिस्सों में लाते हैं। हमारी पुलिस अब त्रिपुरा में उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए राज्य सरकार के साथ मिलकर काम कर रही है।”
सरमा की टिप्पणी के तुरंत बाद त्रिपुरा पुलिस ने एक ट्वीट में कहा : "त्रिपुरा पुलिस अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय में रोहिंग्या सहित अवैध प्रवासन के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए दृढ़ता से दृढ़ है। इस साल जून तक रोहिंग्या सहित कुल 354 अवैध अप्रवासी आए। सीमा दलालों/सुविधाकर्ताओं को त्रिपुरा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।"
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने राज्य विधानसभा के हाल ही में समाप्त हुए सत्र में कहा कि त्रिपुरा के साथ 856 किलोमीटर लंबी भारत-बांग्लादेश सीमा में से 50 किलोमीटर हिस्से में बॉर्डर गार्ड्स बांग्लादेश की आपत्ति सहित विभिन्न कारणों से बाड़ नहीं लगाई जा सकी है।
साहा ने कहा था कि घुसपैठिए, तस्कर और नशीली दवाओं के तस्कर भी सीमा पार आंदोलन का फायदा उठा रहे हैं और इन बिना बाड़ वाली सीमाओं के माध्यम से अपने अवैध व्यापार को अंजाम दे रहे हैं।
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में भारत-बांग्लादेश सीमा पर बीएसएफ की 18 बटालियन तैनात की गई हैं और राज्य पुलिस, बीएसएफ के साथ समन्वय में, घुसपैठ, तस्करी को रोकने के लिए सीमावर्ती गांवों में कड़ी निगरानी रख रही है।
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