नई दिल्ली, 15 अगस्त (आईएएनएस)। अशोका विश्वविद्यालय ने पुष्टि की है कि सहायक प्रोफेसर सब्यसाची दास ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। दास ने अपने एक पेपर में 2019 के चुनावों में हेरफेर का आरोप लगा कर एक नया विवाद पैदा कर दिया था।विश्वविद्यालय के कुलपति सोमक रायचौधरी ने एक आधिकारिक बयान में कहा, "दास अर्थशास्त्र विभाग में सहायक प्रोफेसर थे। फिलहाल छुट्टी पर हैं। वो पुणे में गोखले इंस्टीट्यूट ऑफ पॉलिटिक्स एंड इकोनॉमिक्स (डीम्ड यूनिवर्सिटी) में विजिटिंग फैकल्टी के रूप में कार्यरत हैं। उन्हें मनाने की कोशिश की गई, लेकिन वो नहीं माने। फिर यूनिवर्सिटी ने उनकी बात मान ली और इस्तीफा मंजूर कर लिया।"
उन्होंने आगे कहा कि भारतीय चुनावों पर दास का पेपर हाल ही में सोशल मीडिया पर साझा किए जाने के बाद व्यापक विवाद हुआ। कई लोगों ने इसे विश्वविद्यालय के विचारों के अनुरूप माना।
वी-सी रायचौधरी ने कहा, अशोका विश्वविद्यालय में संकाय के सदस्यों को अपने क्षेत्रों में पढ़ाने और शोध करने की पूरी स्वतंत्रता है। विश्वविद्यालय अपने संकाय और छात्रों को देश में उच्च शिक्षा संस्थान में शैक्षणिक स्वतंत्रता के लिए सक्षम वातावरण प्रदान करता है।
वीसी ने एक विज्ञप्ति में कहा, "विश्वविद्यालय अपने संकाय और छात्रों द्वारा किए गए शोध को निर्देशित या मॉडरेट नहीं करता है। यह शैक्षणिक स्वतंत्रता उन पर भी लागू होती है।"
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