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उत्तर प्रदेश के 948 विरासत वृक्षों को संवारेगी योगी सरकार

प्रकाशित 08/07/2024, 09:46 pm
उत्तर प्रदेश के 948 विरासत वृक्षों को संवारेगी योगी सरकार

लखनऊ, 8 जुलाई (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश सरकार 'विरासत वृक्ष अंगीकरण योजना' के तहत सूबे के 948 विरासत वृक्षों को संवारेगी। 100 वर्ष से अधिक आयु के 28 प्रजाति के वृक्षों को 'विरासत वृक्ष' घोषित किया गया है। यह वृक्ष प्रदेश के सभी 75 जनपदों में हैं। योगी सरकार पेड़-पौधों के जरिए भी विरासत का सम्मान करने को प्रतिबद्ध है। काशी में सर्वाधिक 99, प्रयागराज में 53, हरदोई में 37, गाजीपुर में 35 और उन्नाव में विभिन्न प्रजातियों के 34 'विरासत वृक्ष' हैं। सरकार विलुप्त हो रही वृक्ष प्रजातियों के संरक्षण व पौराणिक, ऐतिहासिक अवसरों, महत्वपूर्ण घटनाओं, अति विशिष्ट व्यक्तियों के स्मारकों, धार्मिक परंपराओं व मान्यताओं से जुड़े वृक्षों को संरक्षित कर जन सामान्य में इसके प्रति जागरूकता पैदा कर रही है। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन द्वारा विरासत, हेरिटेज वृक्षों के चयन और अभिलेखीकरण हेतु दिशा-निर्देश दिया गया है।

इस बार इन वृक्षों की नई पौध तैयार करने के लिए 'विरासत वृक्ष वाटिका' भी तैयार की जाएगी। उत्तर प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड ने गैर वन क्षेत्र (सामुदायिक भूमि) पर अवस्थित सौ वर्ष से अधिक आयु की 28 प्रजातियों को 'विरासत वृक्ष' घोषित किया है। इनमें अरु, अर्जुन, आम, इमली, कैम, करील, कुसुम, खिरनी, शमी, गम्हार, गूलर, छितवन, चिलबिल, जामुन, नीम, एडनसोनिया, पाकड़, पीपल, पीलू, बरगद, महुआ, महोगनी, मैसूर बरगद, शीशम, साल, सेमल, हल्दू व तुमाल शामिल हैं।

इसमें बरगद प्रजाति के 363 व पीपल प्रजाति के 422 वृक्ष हैं। सीएम योगी के गृह जनपद गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर परिसर में हनुमान मंदिर, काली मंदिर के समीप व गौशाला के अंदर बरगद व पाकड़ वृक्षों सहित पूरे जनपद में 19 वृक्ष 'विरासत वृक्ष' घोषित किए गए हैं।

वहीं, लखनऊ और वाराणसी के क्रमश: दशहरी आम व लंगड़ा आम के मातृ वृक्ष, फतेहपुर का बावन इमली, मथुरा के इमलीतला मंदिर परिसर का इमली वृक्ष, प्रतापगढ़ का करील वृक्ष, बाराबंकी में स्थित एडनसोनिया वृक्ष, हापुड़ व संत कबीर नगर में अवस्थित पाकड़ वृक्ष, सारनाथ का बोधि वृक्ष, बाबा झारखंड के नाम से प्रसिद्ध अंबेडकर नगर का पीपल वृक्ष एवं आर्डिनेंस क्लॉथ फैक्ट्री शाहजहांपुर में स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ा पीपल वृक्ष शामिल है।

वन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि 'वृक्षारोपण जन अभियान-2024' के तहत प्रदेशवासियों को चिह्नित विरासत वृक्षों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से 11 जनपदों में 'विरासत वृक्ष वाटिका' तैयार की जाएगी। यह वाटिका गोरखपुर, अयोध्या, लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, मेरठ, बरेली, मथुरा, सीतापुर, चित्रकूट व मीरजापुर में तैयार होगी। प्रत्येक वाटिका में विरासत वृक्ष से तैयार पौधा, टहनी, डाल को अनिवार्य रूप से लगाया जाएगा। शेष पौधे स्थानीय महत्व की प्रजातियों के होंगे।

इसके लिए लगभग आठ हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता होगी। प्रभागों द्वारा चिह्नित 11 जनपदों में पर्याप्त संख्या में विरासत वृक्ष से पौधे तैयार करने के लिए प्रत्येक प्रभाग में कम से कम 10 वृक्ष उपलब्ध कराए जाएंगे।

--आईएएनएस

विकेटी/एबीएम

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