हैदराबाद, 28 अक्टूबर (आईएएनएस)। तेलंगाना विशेष पुलिस (टीजीएसपी) के दस और कर्मियों को पिछले कुछ दिनों में अनुशासनहीनता और आंदोलन भड़काने के लिए बर्खास्त कर दिया गया है।इससे पहले बेहतर सेवा शर्तों के लिए कुछ दिन पहले शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद से विभिन्न टीजीएसपी बटालियनों के 37 कर्मियों को निलंबित कर दिया गया था। अब टीजीएसपी के अतिरिक्त महानिदेशक संजय कुमार जैन ने 10 कर्मियों को बर्खास्त करने के आदेश जारी किए।
इनमें 17वीं बटालियन सिरसिला के पांच कांस्टेबल और एक सशस्त्र रिजर्व सब- इंस्पेक्टर, 12वीं बटालियन, एनेपार्थी के एक हेड कांस्टेबल और एक कांस्टेबल तथा तीसरी बटालियन, इब्राहिमपट्टनम और छठी बटालियन, बी. कोठागुडम के एक-एक कांस्टेबल शामिल हैं।
एडीजी ने एक बयान में कहा, "कुछ टीजीएसपी कर्मियों ने तेलंगाना में बटालियन परिसर के अंदर और साथ ही तेलंगाना में हैदराबाद सहित कई स्थानों की सड़कों पर आंदोलन किया है। अनुशासन को मजबूत करने और तेलंगाना विशेष पुलिस (टीजीएसपी) के मूल मूल्यों को बनाए रखने के लिए कुछ कर्मियों को हैदराबाद सहित तेलंगाना भर में सार्वजनिक स्थानों पर अनधिकृत आंदोलन और हड़ताल में शामिल होने के बाद सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।''
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक हित से समझौता करने वाली परिस्थितियों में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 311(2)(बी) के तहत बर्खास्तगी का आदेश दिया गया है।
संजय कुमार जैन ने कहा कि बर्खास्त कर्मियों ने कथित तौर पर बटालियनों के भीतर अशांति भड़काई, जिससे मनोबल और कार्यकुशलता पर गलत प्रभाव पड़ा। उनके कार्य सरकारी कर्मचारियों से अपेक्षित आचरण का सीधा उल्लंघन दर्शाते हैं और साथ ही फोर्स के मनोबल को भी नुकसान पहुंचाते हैं। इस तरह का आचरण टीजीएसपी के लिए तेलंगाना में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के अपने मिशन को पूरा करने के लिए आवश्यक आंतरिक अनुशासन को बाधित करता है।
उन्होंने कहा, “इन घटनाओं की जांच करने के लिए एक गहन जांच शुरू की गई है, जिसमें वरिष्ठ अधिकारियों को बटालियन की गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखने के साथ एक अनुशासित सम्मानजनक कार्य वातावरण को सुदृढ़ करने का निर्देश दिया गया है। आचरण मानकों का उल्लंघन करने वाले किसी भी कार्मिक के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई जारी रहेगी। यह भी सूचित किया जाता है कि वर्दीधारी बलों में अनुशासनहीनता एक बहुत ही गंभीर मामला है जो पुलिस बल अधिनियम और पुलिस अधिनियम के प्रावधानों के खिलाफ है। ऐसा करने वालों को कानून के अनुसार दंडित किया जा सकता है।''
उन्होंने कहा कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शिकायतों की जांच कर रहे हैं। एडीजी ने कर्मियों से हमेशा की तरह अपने कर्तव्यों का पालन करने का आग्रह किया है और कहा है कि अगर कोई चिंता है तो उसे अधिकारियों के सामने उठाया जा सकता है।
--आईएएनएस
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