नई दिल्ली, 2 नवंबर (आईएएनएस)। लीडिंग एनालिस्ट ने कहा है कि बाजार की स्थितियों के आधार पर, भारत निर्मित आईफोन शिपमेंट 2024 तक वैश्विक स्तर पर 20 से 25 प्रतिशत तक बढ़ जाएगा।टीएफ इंटरनेशनल सिक्योरिटीज के मिंग-ची कुओ के अनुसार, इस साल एप्पल के वैश्विक आईफोन शिपमेंट में भारत में बने आईफोन की हिस्सेदारी 12 से 14 फीसदी होने का अनुमान है।
एक मीडियम ब्लॉगपोस्ट में, उन्होंने आगे भविष्यवाणी की कि आने वाले वर्ष में एप्पल के लिए दक्षिण एशियाई बाजार का महत्व उल्लेखनीय रूप से बढ़ेगा।
कुओ ने कहा, ताइवान की दिग्गज कंपनी फॉक्सकॉन के पास वर्तमान में भारत की आईफोन उत्पादन क्षमता का 75 से 80 प्रतिशत हिस्सा है।
इसमें बदलाव की उम्मीद है क्योंकि टाटा समूह भारत में अधिग्रहित विस्ट्रॉन उत्पादन लाइन में आईफोन का निर्माण शुरू कर रहा है।
उन्होंने कहा, "टाटा को आईफोन असेंबलर बनाकर एप्पल भारत सरकार के साथ अपने रिश्ते मजबूत कर सकता है। इस कदम से भारत में आईफोन और अन्य उत्पादों की भविष्य की बिक्री को फायदा होगा और अगले दशक में एप्पल की वृद्धि के लिए यह महत्वपूर्ण है।''
कुओ ने यह भी अनुमान लगाया कि एप्पल नियमित आईफोन 17 के लिए प्रारंभिक विनिर्माण शुरू कर देगा, जो अगले साल की दूसरी छमाही में प्रदर्शित होने वाला है।
उनके अनुसार, चीन के बाहर नया आईफोन मॉडल विकसित करने में एप्पल का यह पहला प्रयास होगा।
कुओ ने अनुमान लगाया कि 2024 तक चीन के झेंग्झौ और ताइयुआन में फॉक्सकॉन की उत्पादन क्षमता क्रमशः 35 प्रतिशत से 45 प्रतिशत और 75 प्रतिशत से 85 प्रतिशत तक गिर जाएगी।
उन्होंने लिखा, "भारत में उत्पादन बढ़ाने के अलावा, लक्सशेयर के आईफोन ऑर्डर आवंटन में तेजी से वृद्धि और उत्पादन लाइन स्वचालन में सुधार भी उत्पादन पैमाने में कमी का मुख्य कारण है।"
--आईएएनएस
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