नई दिल्ली, 21 अक्टूबर (आईएएनएस)। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शनिवार को कहा कि उसने रामावत शैशव उर्फ जेम्स कार्लसन के खिलाफ मामला दर्ज कर तलाशी ली और उसके क्रिप्टो वॉलेट से 9.3 लाख अमेरिकी डॉलर बरामद किए।सीबीआई के एक प्रवक्ता ने यहां बताया कि अहमदाबाद में शैशव के परिसरों पर तलाशी ली गई, जिसमें क्रिप्टो वॉलेट्स और आपत्तिजनक सामग्री से 9.3 लाख अमेरिकी डॉलर मूल्य की क्रिप्टो मुद्राएं - बिटकॉइन, एथेरियम, रिपल, यूएसडीटी आदि की बरामदगी और जब्ती हुई।
अधिकारी ने कहा कि तलाशी के दौरान अहमदाबाद के रहने वाले दो अन्य व्यक्तियों की संलिप्तता भी सामने आई है।
इसलिए, उक्त व्यक्तियों के परिसरों पर भी तलाशी ली गई, जिसके परिणामस्वरूप मोबाइल फोन, आपत्तिजनक सामग्री वाले लैपटॉप आदि बरामद हुए।
एजेंसी ने कहा कि यह आरोप लगाया गया था कि उक्त शैशव ने "जेम्स कार्लसन" के छद्म नाम से एक अमेरिकी नागरिक से फोन पर संपर्क किया, खुद को एक मल्टी-नेशनल कंपनी के धोखाधड़ी विभाग से बताया और पीड़ित को गलत तरीके से सूचित किया कि कोई पीड़ित के खाते का उपयोग करके एक कंप्यूटर का ऑर्डर देने की कोशिश कर रहा है।
अधिकारी ने कहा, यह भी आरोप लगाया गया कि आरोपी ने पीड़ित को गुमराह भी किया कि चार अलग-अलग प्रांतों में लोगों ने उक्त एमएनसी के खाते खोलने के लिए पीड़ित के सामाजिक सुरक्षा नंबर का इस्तेमाल किया था।
सीबीआई ने यह भी आरोप लगाया कि शैशव ने पीड़ित को अपने बैंक खातों से नकदी निकालने और रॉकिटकॉइन एटीएम वॉलेट में बिटकॉइन में जमा करने के लिए प्रेरित किया और एक क्यूआर कोड साझा किया और उसे गलत जानकारी दी कि यह पीड़ित के लिए अमेरिकी ट्रेजरी द्वारा खोला गया खाता था।
एजेंसी ने कहा, "आरोपी ने पीड़ित का विश्वास हासिल करने के लिए 20.09.2022 को कथित तौर पर संघीय व्यापार आयोग, अमेरिका द्वारा जारी एक फर्जी पत्र भी ईमेल किया। पीडि़त ने पिछले साल 30 अगस्त से 9 सितंबर की अवधि के दौरान अलग-अलग तारीखों पर अपने बैंक खातों से 1,30,000 अमेरिकी डॉलर निकाले और उसे आरोपी द्वारा दिए गए बिटकॉइन पते पर जमा कर दिया।
अधिकारी ने कहा, "इसके बाद, आरोपी द्वारा धोखाधड़ी से उसका दुरुपयोग किया गया, जिससे पीड़ित को 1,30,000 डॉलर का नुकसान हुआ। ये इनपुट अमेरिका के फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन से प्राप्त हुए थे।"
--आईएएनएस
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