iGrain India - नई दिल्ली । सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) एवं खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) सहित अन्य कल्याणकारी कार्यक्रमों के तहत भारी निकासी होने से केन्द्रीय पूल में गेहूं का स्टॉक लगातार तेजी से घटता जा रहा है मगर चावल के स्टॉक में बढ़ोत्तरी हो रही है क्योंकि राइस मिलर्स द्वारा सरकारी एजेंसियों के गोदामों पर कस्टम मिलिंग चावल (सीएमआर) की खेप नियमित रूप से जमा करवाई जा रही है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार केन्द्रीय पूल में खाद्यान्न का कुल स्टॉक 1 जनवरी 2024 के 345.29 लाख टन से गिरकर 1 फरवरी 2024 को 342.91 लाख टन रह गया।
इसके तहत चावल का स्टॉक तो 181.76 लाख टन से बढ़कर 210.25 लाख टन पर पहुंचा मगर गेहूं का स्टॉक 163.53 लाख टन से घटकर 132.66 लाख टन रह गया।
गेहूं की सरकारी खरीद आमतौर पर 1 अप्रैल से शुरू होती है मगर घटते स्टॉक को देखते हुए केन्द्र सरकार ने कुछ राज्यों में मार्च से ही इसकी खरीद आरंभ करने का प्लान बनाया है ताकि अधिक से अधिक मात्रा में इसे खरीदा जा सके।
हालांकि 2022-23 की तुलना में 2023-24 के खरीफ मार्केटिंग सीजन के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर धान की खरीद कम हुई है लेकिन सरकारी एजेंसी के पास इसका स्टॉक 1 जनवरी के 499.38 लाख टन से बढ़कर 1 फरवरी को 546.72 लाख टन पर पहुंच गया।
इसका प्रमुख कारण यह है कि जनवरी माह के दौरान छत्तीसगढ़ एवं मध्य प्रदेश में भारी मात्रा में धान खरीदा गया। जनवरी के मुकाबले फरवरी में मोटे अनाजों का स्टॉक भी 1.77 लाख टन से बढ़कर 3.91 लाख टन पर पहुंच गया।
जनवरी 2023 के आरंभ में केन्द्रीय पूल में 125.35 लाख टन चावल एवं 171.70 लाख टन गेहूं सहित कुल 297.05 लाख टन खाद्यान्न का स्टॉक मौजूद था। प्रचलित बफर नियमों के अनुसार 1 अप्रैल को केन्द्रीय पूल में कम से कम 136 लाख टन चावल एवं 74 लाख टन गेहूं का स्टॉक अवश्य मौजूद होना चाहिए।