iGrain India - नई दिल्ली । एक अग्रणी व्यापारिक संस्था-इण्डिया पल्सेस एंड ग्रेन्स एसोसिएशन ने अपने साप्ताहिक आउटपुट में कहा है कि यद्यपि पिछले सप्ताह उड़द के दाम में थोड़ी तेजी आई थी मगर नई फसल की आपूर्ति जारी रहने एवं मांग कमजोर पड़ने से चालू सप्ताह के दौरान कीमत काफी हद तक स्थिर रहने की संभावना है।
एसोसिएशन की साप्ताहिक बाजार समीक्षा रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले सप्ताह कई कारणों से उड़द का भाव मजबूत बना रहा जिसमे वेयरहाउसों में कम स्टॉक उपलब्ध रहना, आपूर्ति की स्थिति जटिल होना तथा दाल मिलो की अच्छी मांग निकलना शामिल है।
हालांकि मध्य्प्रदेश एवं गुजरात जैसे महत्वपूर्ण उत्पादक राज्यों में ग्रीष्मकालीन उड़द की नई फसल की कटाई तैयारी आवक हो चुकी है मगर मंडियों में इसकी आवक का दबाव अगले दो सप्ताहों में पड़ना शुरू हो सकता है।
11 मई को मुंबई में उड़द का भाव गत सप्ताह के मुकाबले 100 रूपए बढ़कर 9200 रूपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया लेकिन पिछले माह की तुलना में 200 रूपए प्रति क्विंटल नीचे रहा।
वित्त वर्ष 2023-24 की सम्पूर्ण अवधि (अप्रैल-मार्च) के दौरान भारत में उड़द का आयात 2022-23 के मुकाबले 19 प्रतिशत उछलकर 6.23 लाख टन पर पहुंच गया।
लैटिन अमरीका में अवस्थित दो देशो-ब्राजील एवं अर्जेंटीना में उड़द का बिजाई क्षेत्र एवं उत्पादन बढ़ने के आसार है जिससे भारत में इसका आयात बढ़ सकता है।
एसोसिएशन ने जून-जुलाई के दौरान ब्राजील से उड़द का आयात तेजी से उछलकर 50 हजार टन पर पहुंच जाने का अनुमान लगाया है जो पिछले साल के आयात 5 हजार टन से 10 गुना ज्यादा है।
इस बीच म्यांमार से उड़द का आयात घट गया क्योंकि प्रमुख आयातकों ने ऊंचे किराए एवं नकदी के आभाव के कारण कन्टेनरो में शिपमेंट के बजाय खुले रूप में इसके आयात को प्राथमिकता देना शुरू कर दिया।
केंद्र सरकार ने उड़द के शुल्क मुक्त आयात की अवधि 31 मार्च 2025 तक बड़ा दी है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय के दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार उड़द का घरेलू उत्पादन 2022-23 सीजन से 26 लाख टन से घटाकर 2023-24 के सीजन में 21 लाख टन सिमटने की संभावना है।