पटना, 27 अगस्त (आईएएनएस)। भाजपा ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर भूमि आवंटन में धांधली का आरोप लगाया है। जेडीयू नेता केसी त्यागी ने इस पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच होनी चाहिए। जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि अगर नियमों के खिलाफ जाकर जमीन आवंटित हुई है, तो फिर इसमें धांधली हुई है। शासक दल के जो प्रतिष्ठित राजनेता हैं उनके परिवार के लोग इस तरह की लूट का फायदा उठाते हैं। इस मामले की जांच होनी चाहिए।
बता दें कि भाजपा के राज्यसभा सांसद लहर सिंह सिरोया ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर भूमि आवंटन में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। उन्होंने रविवार को एक लिखित बयान जारी करते हुए कहा था कि खड़गे परिवार कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड भूमि का पात्र होने के लिए एयरोस्पेस उद्यमी कब बन गया?
उन्होंने कहा, ''एक न्यूज़ रिपोर्ट से यह पता चला है कि मल्लिकार्जुन खड़गे के परिवार से संचालित एक ट्रस्ट (सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट) को कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड की पांच एकड़ भूमि आवंटित की गई है।
''उन्हें बेंगलुरु के हाईटेक डिफेंस एयरोस्पेस पार्क के पास यह जमीन आवंटित की गई है। दिलचस्प बात यह है कि जो लोग ट्रस्टी हैं, उनमें स्वयं मल्लिकार्जुन खड़गे, उनकी पत्नी राधाबाई खड़गे, उनके दामाद और सांसद राधाकृष्ण, बेटा और कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खड़गे, एक और बेटा राहुल खड़गे शामिल हैं। क्या यह सत्ता का दुरुपयोग और भाई-भतीजावाद नहीं है?''
सिरोया ने सवाल किया है कि उद्योग मंत्री एमबी पाटिल ने कैसे मार्च 2024 में इस आवंटन के लिए सहमति दी? खड़गे परिवार कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड की भूमि के पात्र होने के लिए एयरोस्पेस उद्यमी कब बन गया? इस कथित अवैध भूमि आवंटन का मामला राज्यपाल के कार्यालय और आरटीआई तक भी पहुंच गया है। क्या खड़गे परिवार को भी आखिरकार यह जमीन छोड़नी होगी जैसे सिद्दारमैया को मैसूरु में विवादास्पद साइटों को छोड़ना पड़ेगा? क्या इस आवंटन की जांच होगी?
वहीं केसी त्यागी ने पश्चिम बंगाल में छात्र समाज के नबन्ना मार्च पर और जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि जिस तरह कि परिस्थितियां वहां पर बन गई हैं, लोगों में शासन के प्रति अविश्वास पैदा हो गया है। महिलाओं के अस्तित्व को चुनौती मिल रही है। प्रतिरोध में मार्च निकाला जा रहा है, जिस पर रोक लगाया जा रहा है। यह एक लोकतांत्रिक कदम है।
जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव के बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी के नेताओं ने यूएस दूतावास से मुलाकात की है। इसे लेकर जेडीयू नेता ने कहा कि अलग-अलग राजनीतिक दल के नेता समय समय पर विदेशी दूतावास से संपर्क में रहते हैं। हां जब तक राष्ट्र को लेकर कोई खतरे की बात न हो, मैं ऐसी मुलाकातों का विरोधी नहीं हूं।
बता दें कि अमेरिकी राजनयिकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को श्रीनगर में नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से मुलाकात की थी। जम्मू-कश्मीर में करीब एक दशक बाद विधानसभा चुनाव होने जा रहा है, जो तीन चरणों में करवाए जाएंगे। पहले चरण का चुनाव 18 सितंबर को होगा। वहीं दूसरे चरण का चुनाव 25 सितंबर और तीसरे चरण का चुनाव 1 अक्टूबर को होगा। मतगणना 4 अक्टूबर को होगी।
--आईएएनएस
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