नई दिल्ली, 28 जून (आईएएनएस)। अदानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड (NS:APSE) ने बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है, जिसने जवाहरलाल नेहरू पोर्ट अथॉरिटी (जेएनपीए) बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज द्वारा जारी एक टेंडर में उनकी बोली की अयोग्यता के खिलाफ अपनी याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था। वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की अवकाश पीठ के समक्ष याचिका का उल्लेख किया और मामले पर तत्काल सुनवाई की मांग की।
जेएनपीए द्वारा नवी मुंबई में अपने कंटेनर टर्मिनल के अपग्रेडेशन के लिए निविदा जारी की गई थी।
सिंघवी ने कहा कि उनका मुवक्किल भारत का अग्रणी बंदरगाह प्रबंधक है और फर्म को एक बोलीदाता के रूप में मंजूरी दे दी गई थी, हालांकि, बाद में, इसे अयोग्य घोषित कर दिया गया था। पीठ ने उन्हें अपनी रजिस्ट्री के समक्ष मामले का उल्लेख करने के लिए कहा, सिंघवी ने उच्च न्यायालय के आदेश का हवाला दिया और कहा कि वे फिर से बोली की पेशकश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, असाधारण अत्यावश्यकता है.. कृपया मामले को कल (बुधवार) सूचीबद्ध करें।
हालांकि, पीठ ने उन्हें लिस्टिंग के लिए रजिस्ट्री के सामने उल्लेख करने को कहा।
सिंघवी ने इसके बाद शीर्ष अदालत से संबंधित अधिकारियों को फैसले पर आगे बढ़ने से रोकने के लिए एक आदेश पारित करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा, कृपया उसी विषय पर रजिस्ट्री का आदेश दें, हम रजिस्ट्रार को भी संतुष्ट करेंगे.. लेकिन, पीठ ने दोहराया कि सिंघवी को पहले रजिस्ट्री में जाना चाहिए।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा था कि याचिकाकर्ता न्याय के निर्णय के लिए एक अयोग्य मामला लेकर आए, और 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।
कंपनी ने उच्च न्यायालय के समक्ष दलील दी थी कि जेएनपीए द्वारा उसकी अयोग्यता अवैध और मौलिक और कानूनी अधिकारों का उल्लंघन है और अदालत से बोर्ड को उच्चतम बोली लगाने वाले घोषित करने से रोकने के लिए निर्देश जारी करने का आग्रह किया था।
कंपनी ने मामले के लंबित रहने के दौरान बोर्ड को किसी अन्य बोली लगाने वाले के साथ रियायत समझौते पर हस्ताक्षर करने से रोकने का निर्देश देने की भी मांग की।
--आईएएनएस
आरएचए/एएनएम