नई दिल्ली, 30 जून (आईएएनएस)। कम से कम 51 प्रतिशत औद्योगिक संगठनों का मानना है कि अगले 12 महीनों में स्मार्ट फैक्ट्रीस में साइबर हमलों की संख्या बढ़ने की संभावना है। फिर भी, 47 प्रतिशत निर्माताओं का कहना है कि उनकी स्मार्ट फैक्ट्रीस में साइबर सुरक्षा सी-स्तर की चिंता नहीं है। गुरुवार को एक रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है।कैपजेमिनी की रिपोर्ट के अनुसार, साइबर सुरक्षा के महत्वपूर्ण स्तंभों में कुछ निर्माताओं की परिपक्व प्रथाएं हैं। स्मार्ट फैक्ट्रियों की कनेक्टेड प्रकृति इंटेलिजेंट इंडस्ट्री युग में हमलों के जोखिम को तेजी से बढ़ा रही है।
कैपजेमिनी में साइबर सिक्योरिटी बिजनेस लीड गीर्ट वैन डेर लिंडेन ने एक बयान में कहा, डिजिटल परिवर्तन के लाभ निर्माताओं को स्मार्ट फैक्ट्रीस में भारी निवेश करना चाहते हैं, लेकिन साइबर सुरक्षा को ऑफसेट से बेक-इन नहीं किया गया है, तो पलक झपकते ही प्रयास पूर्ववत हो सकते हैं।
60 प्रतिशत भारी उद्योग और 56 प्रतिशत फार्मा और जीवन विज्ञान फर्मों सहित लगभग 53 प्रतिशत संगठन इस बात से सहमत हैं कि भविष्य के अधिकांश साइबर खतरों में स्मार्ट फैक्ट्रीस को उनके प्राथमिक लक्ष्य के रूप में शामिल किया जाएगा।
हालांकि, उच्च स्तर की जागरूकता स्वचालित रूप से व्यावसायिक तैयारियों में तब्दील नहीं होती है।
निर्माताओं के लिए सी-सूट फोकस, सीमित बजट और मानवीय कारकों की कमी को शीर्ष साइबर सुरक्षा चुनौतियों के रूप में जाना जाता है।
शोध में यह भी पाया गया कि, कई संगठनों के लिए, साइबर सुरक्षा एक प्रमुख डिजाइन कारक नहीं है, केवल 51 प्रतिशत ही डिफॉल्ट रूप से अपने स्मार्ट फैक्ट्रीस में साइबर सुरक्षा प्रथाओं का निर्माण करते हैं।
आईटी प्लेटफॉर्म के विपरीत, सभी संगठन परिचालन अपटाइम के दौरान स्मार्ट फैक्ट्री में मशीनों को स्कैन करने में सक्षम नहीं हो सकते हैं।
--आईएएनएस
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