इस स्टेशन का यूनीक डिजाइन मल्टी मॉडल इंटीग्रेशन की परिकल्पना को और मजबूत करेगा और एक परिवहन साधन से दूसरे परिवहन साधन में यात्रियों की निर्बाध और आसान आवाजाही सुनिश्चित करेगा।
आमतौर पर शहरी परिवहन के लिए एक अंडरग्राउंड स्टेशन जमीन से नीचे, दो स्तर नीचे बनाया जाता है जिस कारण यह पर्याप्त गहरा हो जाता है। आनंद विहार आरआरटीएस स्टेशन का निर्माण भूमितल से केवल 8 मीटर नीचे किया जाएगा, जो स्टेशन को न केवल इंजीनियरिंग का चमत्कार बल्कि अपनी तरह का अनूठा बना देगा।
परियोजना के प्रारंभिक विस्तृत रिपोर्ट में स्टेशन को जमीन से 15 मीटर नीचे बनाने की योजना थी। हालांकि, ऐसा करने में मेट्रो इंफ्रास्ट्रक्च र की मौजूदा नींव आरआरटीएस कॉरिडोर के निर्माण में आड़े आ रही थी। इसलिए, आनंद विहार आरआरटीएस स्टेशन को 8 मीटर गहरे स्टेशन के रूप में फिर से डिजाइन किया गया और कॉनकोर्स लेवल को जमीनी स्तर पर स्थानांतरित कर दिया गया।
रिडिजाइनिंग के बाद अब स्टेशन का निर्माण आनंद विहार के मौजूदा मेट्रो स्टेशन के बेसमेंट के ठीक नीचे किया जा रहा है। निर्माण और सिविल इंजीनियरिंग की ²ष्टि से यह एक बहुत ही जटिल कार्य है। स्टेशन का यह नया डिजाइन बुजुर्गों, बच्चों, विकलांगों और सामान लेकर यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए भी फायदेमंद होगा। उन्हें आरआरटीएस ट्रेनों को पकड़ने के लिए ज्यादा पैदल चलना या चढ़ना नहीं पड़ेगा।
मौजूदा परिवहन बुनियादी ढांचे के करीब होने के कारण, आनंद विहार आरआरटीएस स्टेशन का नया कम्यूटर केंद्रित स्टेशन डिजाइन यह सुनिश्चित करेगा कि यात्रियों को सड़कों पर ना निकालना पड़े और वे परिवहन के एक साधन से दूसरे में निर्बाध रूप से जाने में सक्षम हों।
आनंद विहार आरआरटीएस स्टेशन 297 मीटर लंबा और 35 मीटर चौड़ा होगा। यात्रियों की सुविधा के लिए इस स्टेशन पर 3 लिफ्ट (प्लेटफॉर्म तक पहुंचने के लिए 1 और मेट्रो से कनेक्ट करने के लिए 2), 5 एस्केलेटर (3 प्लेटफॉर्म तक पहुंचने के लिए और 2 मेट्रो से कनेक्ट करने के लिए), और 2 प्रवेश व निकास द्वार उपलब्ध कराए जाएंगे।
इसके साथ ही एक प्रवेश द्वार चौधरी चरण सिंह मार्ग की ओर और दूसरा आनंद विहार रेलवे स्टेशन की ओर होगा।
--आईएएनएस
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