चेन्नई, 9 अगस्त (आईएएनएस)। तमिलनाडु में एमएसएमई इकाइयों और पावरलूम इकाइयों ने प्रस्तावित बिजली दरों में बढ़ोतरी का कड़ा विरोध किया है।तमिलनाडु विद्युत नियामक आयोग ने पहले ही जनता से अनुरोध किया था कि वे तमिलनाडु जनरेशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी (टैंजेडको) द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव के बारे में अपनी राय दें।
चेन्नई में एमएसएमई एसोसिएशन के एक नेता आर. बालकृष्णन ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, गौरतलब है कि पहले फिक्स चार्ज लो टेंशन (एलटी) पॉवर टैरिफ एक महीने के लिए 35 रुपये प्रति यूनिट था। फिलहाल इसे तीन कैटेगरी में बांटा गया है। यह अब 0 से 50 इकाइयों के लिए 100 रुपये (प्रति माह), 50 से 100 इकाइयों के लिए 325 रुपये प्रति माह और 100 से अधिक इकाइयों के लिए 600 रुपये प्रति माह प्रस्तावित है। यह एक खगोलीय वृद्धि है और हम जीवित नहीं रह सकते।
एमएसएमई नेता भी हर पांच साल में बिजली दरों में 6 प्रतिशत की वृद्धि करने के सरकार के प्रस्ताव के खिलाफ भारी पड़ गए और कहा कि यह कदम तर्कहीन था। उन्होंने कहा कि पिछले आठ वर्षो से बिजली की दरों में कोई वृद्धि नहीं हुई है, लेकिन वृद्धि व्यवस्थित और चरणों में की जानी चाहिए, न कि एक ही बार में, जैसा कि वर्तमान में प्रस्तावित किया जा रहा है।
एक संबंधित विकास में, तिरुपुर और कोयंबटूर में पावरलूम मालिक भी शुल्क में प्रस्तावित बढ़ोतरी के खिलाफ सामने आए हैं।
पावरलूम एसोसिएशन के सचिव आर. वेलुस्वामी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, हम यार्न की कीमतों में वृद्धि से पीड़ित हैं और अब प्रस्तावित बिजली दरों में बढ़ोतरी से हमारी परेशानी और बढ़ेगी। जैसा कि हमें पता चला कि पावर लूम के लिए प्रस्तावित बिजली टैरिफ में 7 रुपये प्रति यूनिट की बढ़ोतरी होगी और यह 4.60 रुपये प्रति यूनिट के पहले के चार्ज से काफी अधिक है। डिमांड चार्ज भी 70 रुपये प्रति माह से बढ़कर 200 रुपये प्रति माह हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि इन प्रस्तावित सुधारों के कारण बिजली बिलों में 32 प्रतिशत की सीधी वृद्धि होगी और कहा कि एसोसिएशन बिजली दरों में कटौती के लिए सरकार से याचिका दायर कर रही है और तमिलनाडु बिजली नियामक आयोग से अपील करेगी।
--आईएएनएस
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