नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को कहा कि उसने लोगों से लगभग 200 करोड़ रुपये इकट्ठा करके कथित तौर पर धोखा देने के मामले में बेंगलुरु की एक विशेष अदालत में कई लोगों- फिरोज खान, तबरेज पाशा, अब्दुल दस्तगीर, सैयद मुदासिर फिरोज खान और सैयद मुथाहिर और दो फर्मो - अजमेरा ग्रुप (पाशा व दस्तगीर द्वारा प्रतिनिधित्व) और एमएफ एंटरप्राइजेज (मुथाहीर द्वारा प्रतिनिधित्व) के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है। ईडी ने कहा कि विशेष अदालत ने मामले का संज्ञान लिया है।
ईडी के एक अधिकारी ने कहा कि आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने वाले आरोपियों ने अपराध की आय अर्जित की थी और सीधे तौर पर इसके कब्जे, अधिग्रहण और इसे बेदाग संपत्ति के रूप में पेश करने या दावा करने की प्रक्रिया में शामिल थे, और ये मनी लॉन्ड्रिंग के दोषी हैं।
ईडी ने कर्नाटक के जयनगर पुलिस स्टेशन में आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की।
कर्नाटक पुलिस ने जांच करने के बाद 2019 में इस मामले में चार्जशीट दाखिल की थी।
इस मामले में स्थानीय पुलिस ने पूरक आरोपपत्र भी दाखिल किया था।
ईडी को जांच में पता चला कि पाशा और दस्तगीर ने साझेदारी फर्म अजमेरा ग्रुप खोला और संबंधित अधिकारियों, यानी सेबी, आरबीआई से कोई लाइसेंस प्राप्त किए बिना और व्यवसाय इकाई को एनबीएफसी के रूप में पंजीकृत किए बिना आम जनता से जमा स्वीकार किए।
आरोपपत्र में कहा गया है, आम जनता को धोखा देने के कपटपूर्ण इरादे से अजमेरा समूह ने निवेश पर अत्यधिक ब्याज दर के वादे के साथ कई निवेशकों से 2,56,06,90,338 रुपये अवैध रूप से वसूले और 1,83,97,04,264 रुपये वापस कर दिए।
हालांकि, यह निवेशकों को 72,09,86,074 रुपये की राशि वापस करने में विफल रहा और इस तरह आम जनता को धोखा दिया। अजमेरा समूह और अन्य के भागीदारों ने अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए और अपने लाभ के लिए निवेशकों के पैसे का गबन और डायवर्ट किया।
इससे पहले मामले में 8.41 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति कुर्क की गई थी।
--आईएएनएस
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