नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि भारत विदेश व्यापार समझौते (एफटीए) वार्ता में राष्ट्रीय हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देगा, साथ ही कहा कि सरकार समय सीमा के लिए इस ²ष्टिकोण से अलग नहीं होगी। मंत्री का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब भारत और ब्रिटेन दिवाली तक अपनी एफटीए वार्ता को अंतिम रूप देने की कोशिश कर रहे हैं। गोयल इस वित्तीय वर्ष के पहले छह महीनों में निर्यात प्रोत्साहन परिषदों और उद्योग संघों के प्रमुख प्रतिनिधियों के साथ भारत के निर्यात प्रदर्शन की समीक्षा के लिए आयोजित एक बैठक में शामिल हुए थे, जहां उन्होंने यह बातें कही।
बैठक में उद्योग जगत के प्रतिनिधियों को इस वित्तीय वर्ष के पहले छह महीनों में पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 15.5 प्रतिशत की वृद्धि से अवगत कराया गया। हालांकि, इसे सितंबर में निर्यात प्रदर्शन में गिरावट के बारे में सतर्क किया गया। आधिकारिक सूत्रों ने कहा, लैटिन अमेरिका और अफ्रीका जैसे कुछ बाजारों में देखी गई वृद्धि पर प्रकाश डालते हुए, बैठक में बताया गया कि विकसित आर्थिक और भू-राजनीतिक वातावरण के लिए उद्योग को चौकस और आशावादी होने की आवश्यकता है ताकि ऐसे नए बाजारों में विकास के अवसर छूटे नहीं।
गोयल ने निर्यात की गति को बनाए रखने पर जोर दिया और कहा कि निर्यात प्रोत्साहन परिषदों के साथ बातचीत से यह विश्वास मिला है कि भारतीय निर्यात वैश्विक प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करने में सक्षम होगा और पिछले साल के निर्यात को बड़े अंतर से पीछे छोड़ देगा।
मंत्री ने कहा कि भारत को विश्व बाजार में नए अवसरों की तलाश करते रहना चाहिए और व्यापार के विस्तार के लिए ऐसे सभी संभावित अवसरों का उपयोग करना चाहिए। समीक्षा बैठक में, विदेश व्यापार महानिदेशक (डीजीएफटी) ने क्षेत्रीय विकास के साथ-साथ भारत के प्रमुख निर्यात बाजारों के साथ-साथ साल-दर-साल निर्यात रुझानों पर एक प्रस्तुति दी। प्रमुख और पिछड़े निर्यात बाजारों/क्षेत्रों को विशेष रूप से विशेष ध्यान और संभावित सुधारात्मक उपायों के लिए हाइलाइट किया गया था।
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