iGrain India - लखनऊ । देश के एक अग्रणी उत्पादक राज्य- उत्तर प्रदेश से 2021-22 वित्त वर्ष के दौरान लगभग 18,000 करोड़ रुपए मूल्य के कृषि उत्पादों का निर्यात हुआ था जो वित्त वर्ष 2022-23 (अप्रैल-मार्च) में 5.5 प्रतिशत बढ़कर 19,000 करोड़ रुपए के करीब पहुंच गया।
इसमें कृषि एवं बागवानी उत्पाद जैसे- खाद्यान्न, तिलहन, फल एवं सब्जियां आदि शामिल हैं। निर्यात वाले उत्पादों में खासकर वे कृषि पदार्थ सम्मिलित है जिसे कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) द्वारा संवर्धित (प्रोमोट) किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में देश के लगभग 21 प्रतिशत खाद्यान्न, 8 प्रतिशत फल एवं 15.4 प्रतिशत सब्जियों का उत्पादन होता है। उत्तर प्रदेश भारत में गेहूं, मटर एवं मेंथा तेल का सबसे प्रमुख उत्पादक राज्य है।
इस बार वह चीनी के उत्पादन में भी प्रथम स्थान पर पहुंच गया। केन्द्र की तर्ज पर उत्तर प्रदेश सरकार ने विभिन्न नीतिगत उपायों के जरिए किसानों की आमदनी को दोगुना बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
इसके तहत खासकर कृषि उत्पादों की औसत उपज दर, कुल पैदावार, बिजाई क्षेत्र बढ़ाने तथा उसकी क्वालिटी सुधारने एवं उससे मूल्य संवर्धित उत्पादों का निर्माण, उपयोग एवं निर्यात बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव ने अधिकारियों को एक परामर्शीय तंत्र के माध्यम से कृषि उत्पादों का निर्यात बढ़ाने हेतु एक कारगर एवं व्यावहारिक कार्य योजना तैयार करने का निर्देश दिया है।
मुख्य सचिव का कहना है कि उत्तर प्रदेश से कृषि उत्पादों के निर्यात की विशाल संभावना एवं गुंजाइश है और इसका अधिकतम लाभ उठाने के लिए केंद्रीकृत प्रयास की जरूरत है।
उत्तर प्रदेश के सकल प्रांतीय घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में कृषि क्षेत्र 25 प्रतिशत से अधिक का योगदान देता है।
इस बीच उत्तर प्रदेश को चार जिलों- मुजफ्फरनगर, मेरठ, शामली एवं सीतापुर में बासमती चावल तथा आम के लिए पांच कृषि क्लस्टर स्थापित करने का प्रस्ताव प्राप्त हुआ है।
जिस पर गम्भीरतापूर्वक विचार किया जा रहा है। राज्य सरकार कृषि उत्पादन बढ़ाने तथा किसानों का कल्याण सुनिश्चित करने के लिए अनेक कदम उठा रही है।