नई दिल्ली, 25 अगस्त (आईएएनएस)। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने राहुल गांधी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि भारत की राजनीति के सबसे पुराने पंडित जी के खानदान के 53 वर्षीय सतत युवा राहुल गांधी आदतन और फितरतन भारत, भारतीय समाज, आएएसएस एवं चीन के बारे में आधारहीन एवं अनर्गल बयान देने के आदि हो गए हैं। भाजपा राष्ट्रीय मुख्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए सुधांशु त्रिवेदी ने चीन को लेकर कांग्रेस और राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ हुए कांग्रेस पार्टी के समझौते को सार्वजनिक किए जाने की मांग भी की।
उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार आने के बाद चीन कूटनीति के क्षेत्र में अलग-थलग पड़ गया है। लेकिन, राहुल गांधी को बार-बार चीन की बातों पर इतना प्यार क्यों उमड़ आता है? क्या यह राजीव गांधी फाउंडेशन को मिले डोनेशन का अहसान है या चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ हुए करार का असर है कि वो भारत सरकार के साथ तकरार करने को तैयार रहते हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी के परिवार ने डोकलाम के दौरान चीन के राजदूत के साथ खाना ही नहीं खाया था बल्कि नेहरू ने अपने जमाने में चीन की सेना को खाने और रसद तक की मदद की थी।
उन्होंने कहा कि 1947 में हमारा पड़ोसी तिब्बत था, इसलिए इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस हमारे पास है। इतिहास में आपने सिर्फ भूल ही नही की है बल्कि यह अक्षम्य अपराध की श्रेणी में है।
भाजपा प्रवक्ता ने जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सामरिक, कूटनीतिक और आर्थिक क्षेत्र में भारत ने ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। चीन की रुकावटों के बावजूद अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का कद बढ़ा है। तमाम कोशिशों के बावजूद कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाने के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र में कोई प्रस्ताव नहीं आ पाया।
राहुल गांधी द्वारा आरएसएस की आलोचना पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरु ने चीन युद्ध के दौरान आरएसएस की मदद की तारीफ की थी और संघ को 26 जनवरी के परेड में भी शामिल किया था।
सुधांशु त्रिवेदी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस को विपक्ष के तौर पर अपनी भूमिका निभाना नहीं आता है।
उन्होंने अजीज कुरैशी के बयान की आलोचना करते हुए राहुल गांधी से यह सवाल पूछा कि यह नफरत की दुकान है या मुहब्बत की दुकान है? राहुल गांधी ने अभी तक इनके खिलाफ क्या कार्रवाई की?
उन्होंने भाजपा द्वारा कलाम को राष्ट्रपति बनाने और बिस्मिल्लाह खां को भारत रत्न देने का जिक्र करते कहा कि कांग्रेस को सच्चे मुसलमान अच्छे नहीं लगते हैं। उन्होंने अतीत में हुए कई दंगो का जिक्र करते हुए कहा कि इन्हें मुसलमानों की चिंता नहीं है बल्कि ये कट्टरपंथी मुस्लिमों के सामने नतमस्तक हैं।
'द कश्मीर फाइल्स' फ़िल्म को अवार्ड मिलने का विरोध करने वाले लोगों पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि यह जूरी का फैसला है और कलाकारों, फिल्म और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की बात करने वालों को जजों पर टिप्पणी करने से बचना चाहिए। अगर सच दिखाया जाता है तो इसमें नफरत कैसी? अत्याचार करने वालों के साथ अपने को कौन जोड़ रहा है?
विपक्षी एकता पर कटाक्ष करते हुए त्रिवेदी ने कहा कि विपक्षियों में से किसी को भी प्रधानमंत्री मोदी से नहीं लड़ना है बल्कि ये सब अपने आप में लड़ रहे हैं। विपक्ष का सबसे बड़ा नेता कौन हो, इसे लेकर इनमें आपस में ही लड़ाई हो रही है।
उन्होंने आगे यह भी कहा कि वैसे तो यह आईएनडीआईए गठबंधन का अंदरूनी मामला है, लेकिन वह (नीतीश कुमार) बेंगलुरु में प्रेस कॉन्फ्रेंस अटेंड किये बिना चले आये थे और जब वो दिल्ली आए तो अटल जी की समाधि पर श्रद्धाजंलि देकर चले गए और दिल्ली में बैठे आईएनडीआईए के नेता उनका इंतजार करते ही रह गए। दूर रहते हैं तो इन्हें मिलने की इच्छा होती है और पास आते ही ये दल लड़ने लग जाते हैं।
ओवैसी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि वे तो हमेशा आक्रामक मुद्रा में ही रहते हैं।
--आईएएनएस
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