भोपाल, 2 अगस्त (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की गांधी मेडिकल कॉलेज की जूनियर डॉक्टर बाला सरस्वती की आत्महत्या का मामला शांत नहीं हो रहा है। उनके साथी विभागाध्यक्ष को हटाए जाने के साथ अन्य चिकित्सकों पर कार्रवाई की मांग पर अड़े हुए हैं।दरअसल, स्त्री रोग विभाग की जूनियर डॉक्टर बाला सरस्वती ने रविवार-सोमवार रात को बेहोशी के इंजेक्शन का ओवरडोज लेकर आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने सुसाइड नोट भी छोड़ा था, जिसमें विभागाध्यक्ष के अलावा दो महिला चिकित्सकों पर भी गंभीर आरोप लगाए थे। सुसाइड नोट में प्रताड़ना का भी जिक्र है।
बाला सरस्वती की आत्महत्या के बाद जूनियर डॉक्टर आक्रोशित हैं और काम नहीं कर रहे हैं। उनका कहना है कि लगभग छह माह पहले भी उनकी एक साथी ने खुदकुशी की थी। यह सब काम के बोझ के कारण नहीं हो रहा है। विभाग का माहौल अच्छा नहीं है। प्रताड़ना तो सामान्य बात है। लगातार जूनियर डॉक्टर को प्रताड़ित किया जाता है।
आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि जब तक विभागाध्यक्ष को नहीं हटाया जाएगा और जिन चिकित्सकों के नाम आ रहे हैं, उन पर कार्रवाई नहीं होगी तब तक काम पर नहीं लौटेंगे।
जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. संकेत सीते का कहना है कि सभी की एक ही मांग है कि स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की प्रमुख नैतिकता के आधार पर अपने पद से इस्तीफा दें और जो अन्य लोग हैं, उन पर भी कार्रवाई हो।
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