बेंगलुरु, 8 अगस्त (आईएएनएस)। जिस फर्जी पत्र विवाद के कारण सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार और विपक्ष के बीच जुबानी जंग हुई थी, उसे मंगलवार को विशेष शाखा आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) को सौंप दिया गया है।'फर्जी' पत्र में कृषि मंत्री एन. चेलुवरयास्वामी पर निशाना साधा गया और आरोप लगाया गया कि वह विभाग के अधिकारियों से पैसे की मांग कर रहे हैं।
दावा किया गया कि अधिकारियों ने राज्यपाल को पत्र लिखा है और बदले में राज्यपाल ने मुख्य सचिव को भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करने के लिए कहा था।
हालांकि, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने स्पष्ट किया कि इस संबंध में राज्यपाल द्वारा कोई शिकायत या पत्र नहीं लिखा गया है। इस संबंध में मीडिया और सोशल मीडिया पर प्रसारित पत्र फर्जी है, जो सरकार को बदनाम करने के लिए बनाया गया है। उन्होंने परोक्ष रूप से कहा कि यह भाजपा नेताओं या पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी की करतूत हो सकती है।
कुमारस्वामी ने सिद्धारमैया पर निशाना साधते हुए कहा था कि वह असली पत्रों को नकली बनाने में माहिर हैं। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा था कि सिद्धारमैया बेशर्मी से भ्रष्टाचारियों के पीछे खड़े हैं और यह शर्म की बात है।
इसके बाद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने गृह मंत्री जी. परमेश्वर से बातचीत की और घोषणा की कि फर्जी पत्रों का मामला सीआईडी को सौंप दिया गया है।
मांड्या जिले के कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक वीएस अशोक ने मांड्या के पुलिस अधीक्षक के पास शिकायत दर्ज कराई थी और फर्जी पत्रों के प्रसार की जांच की मांग की थी। मामले को लेकर कांग्रेस विधायक रमेश बाबू बंडीसिद्दे गौड़ा, रविकुमार गौड़ा, एमएलसी मधु जी मेड गौड़ा, दिनेश गूलीगौड़ा ने भी पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।
--आईएएनएस
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