भागलपुर, 22 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने शुक्रवार को कहा कि मनुष्य जीवन कैसे जिएं, संत इसका प्रमाण हैं। हमारे बीच ग्रंथ बहुत हैं, जिसके पढ़ने से ज्ञान प्राप्त होता है। लेकिन, ज्ञान का ठीकठाक बोध संतों के कारण उनके सानिध्य से होता है। भागवत शुक्रवार को महर्षि मेंही आश्रम, कुप्पाघाट पहुंचे। वहां के आश्रम के आचार्य और साधु संतों से मिलकर कई बिंदुओं पर संवाद किया। उन्होंने सबसे पहले महर्षि मेंही परमहंस जी महाराज और संत सेवी महाराज की समाधि स्थल पर पुष्पांजलि की। इसके बाद वे संतमत के वर्तमान आचार्य महर्षि हरिनंदन परमहंस जी महाराज से मुलाकात कर उनके स्वास्थ्य का हालचाल जाना।
संघ प्रमुख ने इसके बाद संत मत सत्संग भवन प्रशाल में आकर आश्रम के आचार्य व साधु संतों के साथ संबोधन कार्यक्रम में भाग लिया। उसी दौरान महर्षि मेंही पर बनी डॉक्यूमेंट्री 'महर्षि मेंही : एक व्यक्तित्व एक विचार' का टीजर जारी किया।
संघ प्रमुख ने डाक्यूमेंट्री निर्माताओं का अभिवादन करते हुए कहा कि फिल्मों से अनेक बातें समाज में पहुंचती हैं। उसमें कुछ गड़बड़ वाली बातें भी होती हैं तो कई अच्छी बातें भी शामिल हैं। संघ प्रमुख ने डॉक्यूमेंट्री के कहानीकार और निर्माता की काफी सराहना भी की।
संघ प्रमुख ने सभी को इस तरह के फिल्म का अनुकरण करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि इस फिल्म में महर्षि मेंही के जीवनशैली को दर्शाया गया है। संघ प्रमुख गुरुवार को ही भागलपुर पहुंचे थे। भागवत के भागलपुर आगमन को लेकर सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी।
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