iGrain India - नई दिल्ली । प्रमुख उत्पादक राज्यों की थोक मंडियों में आपूर्ति एवं उपलब्धता की स्थिति जटिल होने तथा कीमत ऊंची रहने से खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत सरकारी गेहूं की बिक्री बढ़ने लगी है।
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा गेहूं की बिक्री के लिए प्रत्येक सप्ताह ई-नीलामी का आयोजन किया जाता है जिसमें फ्लोर मिलर्स, प्रोसेसर्स एवं खाद्य उत्पाद निर्माता बोली लगाते हैं और गेहूं की खरीद करते हैं।
यह प्रक्रिया जून 2023 के अंतिम सप्ताह से आरंभ हुई और मार्च 2024 के अंतिम सप्ताह तक जारी रहेगी। इस अवधि के दौरान सरकार ने कुल 101.50 लाख टन की बिक्री का ऑफर देने का ऐलान किया है।
इसमें से अब 39 लाख टन गेहूं को बाजार में उतारा जा चुका है। सरकार ने पहले प्रत्येक सक्षम खरीदार के लिए प्रति सप्ताह अधिकतम 100 टन गेहूं की खरीद सीमा निर्धारित की थी जिसे अब बढ़ाकर 200 टन कर दिया गया है।
गेहूं का कुल ऑफर भी दोगुना बढ़ाया गया है ताकि बाजार पर दबाव बढ़ सके। इतना ही नहीं बल्कि पहले प्रत्येक सप्ताह औसतन 2 लाख टन गेहूं की बिक्री का ऑफर दिया जा रहा था लेकिन अब इसे 50 प्रतिशत बढ़ाकर 3 लाख टन कर दिया गया है।
इससे प्रत्येक खरीदार को अधिक मात्रा में गेहूं खरीदने का अवसर मिल रहा है। पिछले सप्ताह आयोजित नीलामी में 2.80 लाख टन गेहूं की बिक्री हुई।
घरेलू थोक एवं खुदरा मंडियों में गेहूं तथा उसके उत्पादों का भाव काफी ऊंचा एवं तेज चल रहा है। सरकार इसे नीचे लाने का हर संभव प्रयास कर रही है।
उसका कहना है कि 1 अप्रैल के लिए 74.60 लाख टन की न्यूनतम आवश्यक बफर मात्रा को सुरक्षित रखने के बाद वह केन्द्रीय पूल में मौजूद गेहूं के तमाम अधिशेष स्टॉक को ओएमएसएस के तहत उतारने के लिए तैयार है।
गेहूं का भारत औसत बिक्री मूल्य गत सप्ताह 2249.73 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज किया गया जो 2127.47 रुपए प्रति क्विंटल के रिजर्व मूल्य से काफी ऊंचा था।