ब्लैक फ्राइडे अभी है! 60% की छूट InvestingPro तक का लाभ उठाने से न चूकेंसेल को क्लेम करें

कावेरी का तमिलनाडु की राजनीति पर लंबा प्रभाव... लोग करते हैं नदी की पूजा

प्रकाशित 26/08/2023, 08:23 pm
कावेरी का तमिलनाडु की राजनीति पर लंबा प्रभाव... लोग करते हैं नदी की पूजा

चेन्नई, 26 अगस्त (आईएएनएस)। कावेरी एक प्रमुख नदी है। यह नदी कर्नाटक के कोडागु जिले में पश्चिमी घाट के ब्रह्मगिरि रेंज में थलकावेरी से निकलती है और तमिलनाडु के मायलादुथुराई जिले के पूमपुहार से बंगाल की खाड़ी में बहती है। गोदावरी और कृष्णा के बाद यह दक्षिण भारत की तीसरी सबसे बड़ी नदी है।तमिलनाडु में कावेरी को देवी कावेरीम्मा के रूप में पूजा जाता है। इसे देश की सात पवित्र नदियों में से एक माना जाता है। संगम काल के साहित्य में इसका वर्णन किया गया है और हिंदू धर्म में इसे बहुत सम्मान के साथ रखा जाता है।

कावेरी धर्मपुरी जिले से होकर तमिलनाडु में प्रवेश करती है और होगेनक्कल झरने तक पहुंचती है। वहां से यह सलेम जिले तक पहुंचती है और मेट्टूर में स्टेनली जलाशय (रिजर्वायर) में प्रवेश करती है और मायलादुथुराई जिले से बंगाल की खाड़ी में बहने से पहले तमिलनाडु के भीतर कुल 774 किमी की दूरी तय करती है।

जबकि, नदी कर्नाटक से निकलती है और दोनों राज्यों से होकर बहती है। उनके बीच एक बड़ा जल विवाद रहा है, जिसके कारण हिंसक आंदोलन हुए हैं और लोग इसे लेकर सड़कों पर उतर आए हैं।

दोनों राज्यों के बीच विवाद और राजनीतिक नेताओं, अभिनेताओं, लेखकों और खिलाड़ियों से लेकर कई प्रमुख हस्तियों के पक्ष लेने के साथ यह मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में चला गया। कोर्ट ने 16 फरवरी 2018 को अपना फैसला सुनाया।

अदालत ने कर्नाटक को तमिलनाडु के लिए पानी छोड़ने का निर्देश दिया और कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण का गठन किया। इसे सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार पानी की उपलब्धता और उपयोग की निगरानी करना था, जिसने तमिलनाडु को बड़ी राहत दी।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक, कर्नाटक को जून से मई के बीच तमिलनाडु को साल में 177 टीएमसीसी पानी उपलब्ध कराना है। इसमें से 123.14 टीएमसीसी जून से सितंबर के बीच जारी किया जाना है, जो दक्षिण पश्चिम मानसून की अवधि है।

तमिलनाडु के लिए कावेरी का पानी बेहद अहम है और उसकी राजनीति भी इसी पानी के इर्द-गिर्द घूमती है। तमिलनाडु में कावेरी डेल्टा क्षेत्र को 'नेरकलांचियम' या धान की खेती की भूमि माना जाता है।

चावल के अलावा, जो कावेरी डेल्टा क्षेत्र की प्रमुख फसल है जैस- दालें, काला चना और मूंग भी डेल्टा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर उगाई जाती हैं। तमिलनाडु के धान का कटोरा तंजावुर भी इसी क्षेत्र में है और इस क्षेत्र के लोग मुख्य रूप से सिंचाई और कृषि के लिए कावेरी पर निर्भर हैं। इसीलिए तमिलनाडु की राजनीति हमेशा कावेरी के इर्द-गिर्द घूमती है।

तंजावुर भी इसी क्षेत्र में है और इस क्षेत्र के लोग सिंचाई व कृषि के लिए मुख्य रूप से कावेरी पर निर्भर हैं। जब सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण का गठन किया, तो एआईएडीएमके और डीएमके दोनों ने इसका श्रेय लेने की कोशिश की।

तमिलनाडु के तत्कालीन मुख्यमंत्री एडप्पादी के. पलानीस्वामी ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि वह दिवंगत एआईएडीएमके नेता और तमिलनाडु की पूर्व सीएम जे जयललिता थीं, जिन्होंने सबसे पहले कावेरी जल को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

वहीं, डीएमके नेता और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि उनके पिता और पूर्व सीएम एम करुणानिधि ने कर्नाटक के मुख्यमंत्रियों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की थी और उन्हें नियमित रूप से उस राज्य से पानी मिला था।

कावेरी जल को लेकर स्थिति अब चरम बिंदु पर पहुंच गई है क्योंकि कर्नाटक की ओर से कावेरी पर मेकेदातु में एक बांध के निर्माण की घोषणा की गई है, जिसके कारण तमिलनाडु में व्यापक पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया है।

कर्नाटक में सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के सत्ता संभालने के तुरंत बाद, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने घोषणा की कि मेकेदातु पर एक बांध का निर्माण किया जाएगा और इसके लिए 8,000 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे।

12 अगस्त को नई दिल्ली में आयोजित कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक में तमिलनाडु पक्ष बैठक से बाहर चला गया था क्योंकि कर्नाटक ने कथित तौर पर 37.99 टीएमसीएफटी पानी जारी करने से इनकार कर दिया था, जो कि दोनों राज्यों के बीच पहले के समझौते के अनुसार तमिलनाडु को देय था।

कर्नाटक पक्ष यह कहते हुए अपनी बात पर अड़ा रहा कि पानी की कमी के कारण राज्य के बेसिन जिलों में किसानों को पानी नहीं छोड़ा जा सका। कर्नाटक ने 24 अगस्त 2023 को सुप्रीम कोर्ट में यह भी बताया था कि तमिलनाडु कावेरी से पानी की मांग ऐसे कर रहा है जैसे कि यह सामान्य वर्षा वाला वर्ष हो। कर्नाटक ने बताया कि यह एक संकटपूर्ण जल वर्ष था, क्योंकि राज्य में दक्षिण-पश्चिम मानसून कमजोर था।

कावेरी जल विवाद पर कर्नाटक और तमिलनाडु एक-दूसरे के आमने-सामने हैं।

राजनीति विज्ञान के सेवानिवृत्त प्रोफेसर आर अरुमुघम ने आईएएनएस को बताया कि जल विवाद चरम बिंदु पर पहुंच जाएगा और कर्नाटक, तमिलनाडु दोनों सरकारें इंडिया गठबंधन का हिस्सा होने के कारण, जब तक स्टालिन सक्रिय कदम नहीं उठाते, तब तक दरार तमिलनाडु में मोर्चे के लिए एक बड़े संकट में बदल सकती है और 2024 के आम चुनाव खत्म होने तक मतभेदों को दबा सकती है।

--आईएएनएस

एफजेड

नवीनतम टिप्पणियाँ

हमारा ऐप इंस्टॉल करें
जोखिम प्रकटीकरण: वित्तीय उपकरण एवं/या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग में आपके निवेश की राशि के कुछ, या सभी को खोने का जोखिम शामिल है, और सभी निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। क्रिप्टो करेंसी की कीमत काफी अस्थिर होती है एवं वित्तीय, नियामक या राजनैतिक घटनाओं जैसे बाहरी कारकों से प्रभावित हो सकती है। मार्जिन पर ट्रेडिंग से वित्तीय जोखिम में वृद्धि होती है।
वित्तीय उपकरण या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने का निर्णय लेने से पहले आपको वित्तीय बाज़ारों में ट्रेडिंग से जुड़े जोखिमों एवं खर्चों की पूरी जानकारी होनी चाहिए, आपको अपने निवेश लक्ष्यों, अनुभव के स्तर एवं जोखिम के परिमाण पर सावधानी से विचार करना चाहिए, एवं जहां आवश्यकता हो वहाँ पेशेवर सलाह लेनी चाहिए।
फ्यूज़न मीडिया आपको याद दिलाना चाहता है कि इस वेबसाइट में मौजूद डेटा पूर्ण रूप से रियल टाइम एवं सटीक नहीं है। वेबसाइट पर मौजूद डेटा और मूल्य पूर्ण रूप से किसी बाज़ार या एक्सचेंज द्वारा नहीं दिए गए हैं, बल्कि बाज़ार निर्माताओं द्वारा भी दिए गए हो सकते हैं, एवं अतः कीमतों का सटीक ना होना एवं किसी भी बाज़ार में असल कीमत से भिन्न होने का अर्थ है कि कीमतें परिचायक हैं एवं ट्रेडिंग उद्देश्यों के लिए उपयुक्त नहीं है। फ्यूज़न मीडिया एवं इस वेबसाइट में दिए गए डेटा का कोई भी प्रदाता आपकी ट्रेडिंग के फलस्वरूप हुए नुकसान या हानि, अथवा इस वेबसाइट में दी गयी जानकारी पर आपके विश्वास के लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं होगा।
फ्यूज़न मीडिया एवं/या डेटा प्रदाता की स्पष्ट पूर्व लिखित अनुमति के बिना इस वेबसाइट में मौजूद डेटा का प्रयोग, संचय, पुनरुत्पादन, प्रदर्शन, संशोधन, प्रेषण या वितरण करना निषिद्ध है। सभी बौद्धिक संपत्ति अधिकार प्रदाताओं एवं/या इस वेबसाइट में मौजूद डेटा प्रदान करने वाले एक्सचेंज द्वारा आरक्षित हैं।
फ्यूज़न मीडिया को विज्ञापनों या विज्ञापनदाताओं के साथ हुई आपकी बातचीत के आधार पर वेबसाइट पर आने वाले विज्ञापनों के लिए मुआवज़ा दिया जा सकता है।
इस समझौते का अंग्रेजी संस्करण मुख्य संस्करण है, जो अंग्रेजी संस्करण और हिंदी संस्करण के बीच विसंगति होने पर प्रभावी होता है।
© 2007-2024 - फ्यूजन मीडिया लिमिटेड सर्वाधिकार सुरक्षित