संगरूर, 20 अप्रैल (आईएएनएस)। गुनाह के बाद गुनाहगारों को सलाखों के पीछे भेजा जाता है, ताकि उन्हें समाज में उत्पात मचाने से रोका जाए। लेकिन, तब क्या करें, जब सलाखों के पीछे जाने के बावजूद भी ये उत्पात मचाना ना रोकें? यह स्थिति किसी भी जेल प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है। वर्तमान में इन्हीं सब दुश्वारियों से पंजाब के संगरूर का जेल प्रशासन जूझ रहा है। जहां बीते दिनों दो कैदियों के बीच झड़प हो गई। पहले लगा कि यह झड़प मामूली होगी। बीच-बचाव के बाद रूक जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। देखते ही देखते यह झड़प इस कदर हिंसात्मक हुई कि दो कैदियों की मौत हो गई, जिसके बाद जेल प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो गए हैं। वहीं, जेल का माहौल भी तनावग्रस्त हो गया है।
डीआईजी पटियाला रेंज हरचंद सिंह भुल्लर शनिवार सुबह जेल की मौजूदा स्थिति का जाजया लेने पहुंचे, जहां उन्होंने मीडियाकर्मियों से इस पर विस्तार से बात की।
उन्होंने इस झड़प को गैंगवार बताने से साफ इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि हमने जेल वार्डन से विस्तार से बात की है। हमला करने के लिए पानी की टूटी पाइप, एक पेड़ की टहनी और दो चाकू का इस्तेमाल किया गया। इस मामले में अब तक 10 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया जा चुका है, जिसमें 6 लोग वर्तमान में मौत के मामले में सजा काट रहे हैं।
जेल प्रशासन के मुताबिक, आगामी दिनों में इन सभी को पुलिस रिमांड पर भेजा जाएगा, जहां इनसे मामले के बारे में विस्तार से पूछताछ की जाएगी, ताकि किसी नतीजे पर पहुंचा जा सके।
इस झड़प में शहबाज नामक कैदी घायल भी हुआ। जेल में झड़प की खबर मिलने के बाद उसकी मां पहुंची और कहा कि मैंने पहले भी कहा था कि मेरे बेटे के साथ मारपीट की जा चुकी है, लेकिन किसी ने मेरी बात नहीं मानी। मेरा बेटा 302 के तहत सजा काट रहा है।
--आईएएनएस
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