पटना, 1 जनवरी (आईएएनएस)। नए वर्ष के स्वागत को लेकर लोग खुशियां मना रहे हैं। इस साल बिहार की राजनीति में भी बदलाव आने की बात कही जा रही है। संभावना यह भी है कि प्रदेश में इस साल नए समीकरण भी बनेंगे। दरअसल, इस साल लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। बिहार में दोनों गठबंधन ने इस चुनाव को लेकर अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। इस नए वर्ष के आगमन के कुछ ही दिन पहले सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल जदयू के 'निजाम' बदले जाने के बाद इसकी संभावना और बढ़ गई है कि प्रदेश की राजनीति में बदलाव होने वाला है।
जदयू की कमान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फिर से संभाल ली है। वहीं, जदयू के एनडीए से अलग होने के बाद पिछले लोकसभा चुनाव के परिणाम को दोहराने के लिए भाजपा व्यग्र है।
नीतीश कुमार की पार्टी को लेकर भी कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। भाजपा के नेताओं का दावा है कि जदयू की कमान नीतीश के हाथ में जाने का सबसे बड़ा कारण पूर्व अध्यक्ष ललन सिंह की राजद के साथ नजदीकियां रही है। जदयू इस नाराजगी का खंडन कर रही है।
प्रदेश की सियासत में यह भी कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार फिर से पलटी मारकर भाजपा के साथ जा सकते हैं। भाजपा नेताओं का कहना है कि उनके लिए पार्टी के सारे दरवाजे बंद हैं। लेकिन, सर्वविदित है कि राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं।
हाल के दिनों में तेजस्वी यादव के मुख्यमंत्री बनने की भी चर्चा खूब होते रही है। कहा तो यहां तक जा रहा है कि लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद अगले साल बिहार विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इसे लेकर भी इस साल के अंत में प्रदेश की राजनीति में कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
--आईएएनएस
एमएनपी/एबीएम