iGrain India - नई दिल्ली। खुले बजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत 28 जून 2023 को जब पहली सप्ताहिक ई -नीलामी आयोजित हुई थी तब गेहूं का ऑफर प्रति सप्ताह केवल 2 लाख टन था जिसे 17 जनवरी 2024 तक आते-आते बढ़ाकर 4.50 लाख टन कर दिया गया। इतना ही नहीं बल्कि 31 जनवरी को जो नीलामी होगी उसमें खाद्य निगम द्वारा 5 लाख टन गेहूं की बिक्री का ऑफर दिया जाएगा। इससे खुले बाजार (थोक मंडी) में गेहूं के दाम पर दबाव पड़ने लगा है। 20 से 20 से 26 जनवरी वाले सप्ताह के दौरान दिल्ली तथा भोपाल को छोड़कर अन्य अधिकांश प्रमुख मंडियों में गेहूं का दाम या तो स्थिर या नरम रहा।
दिल्ली
दिल्ली में यूपी तथा राजस्थान के गेहूं का भाव 50 रुपए सुधरकर 2580/2700 रुपए प्रति क्विटंल तथा भोपाल में 100 रुपए बढ़कर 2400/3000 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंचा। गुजरात की गोंडल एवं राजकोट मंडी में गेहूं का दाम पिछले स्तर पर स्थिर रहा जबकि मध्य प्रदेश की इंदौर मंडी में 90 रुपए गिरकर 2440/3240 रुपए प्रति क्विंटल, उज्जैन में 250 रुपए लुढ़ककर 2400/3100 रुपए प्रति क्विंटल तथा खंडवा में 200 रुपए घटकर 2700/3000 रुपए प्रति क्विंटल रह गया।
राजस्थान
गेहूं का भाव राजस्थान की बारां मंडी में 110 रुपए की गिरावट के साथ 2475/2650 रुपए प्रति क्विंटल पर आया जबकि उत्तर प्रदेश के गोंडा में 30 रुपए एवं मैनपुरी में 35 रुपए गिर गया। महाराष्ट्र की जालना मंडी में भी यह 100 रुपए घटकर 2600/3100 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गया।
उत्पादन
राष्ट्रीय स्तर पर गेहूं का बिजाई क्षेत्र उछलकर 340.10 लाख हेक्टेयर के शीर्ष स्तर पर पहुंच गया है जिसे देखते हुए सरकार को इसके 1140 लाख टन के रिकॉर्ड उत्पादन का लक्ष्य हासिल हो जाने की उम्मीद है। सरकार गेहूं का थोक मंडी भाव जल्दी से जल्दी घटाकर न्यूतनम सर्मथन मूल्य के निकट या उससे नीचे लाना चाहती है जो इस बार 2275 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित हुआ है ताकि उसे अधिक से अधिक मात्रा में इसकी खरीद का अवसर मिल सके।
स्टॉक
केन्द्रीय पूल में गेहूं का स्टॉक घटकर सात साल के निचले स्तर पर आ चुका है जबकि सरकार की तमाम कल्याणकारी योजनाएं जारी हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि गेहूं पर भंडारण सीमा कब तक लागू रहता है क्योंकि इस महत्वपूर्ण खाद्यान्न की कीमतों को यह आदेश काफी हद तक प्रभावित कर सकता है।