बेंगलुरु, 29 जुलाई (आईएएनएस)। 12 जुलाई को बेंगलुरु के निट्टे मीनाक्षी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छठे सेमेस्टर में पढ़ने वाले टॉपर तेजस ने एक लोन ऐप कंपनी के कर्मचारियों द्वारा उत्पीड़न से परेशान होकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। तेजस ने एक साल पहले अपने दोस्त महेश के लिए एक लोन ऐप से 40,000 रुपये का लोन लिया था, लेकिन वह लोन और ईएमआई नहीं चुका पा रहा था।
लोन ऐप ने उस पर दबाव डाला था और भुगतान की मांग करते हुए कथित तौर पर उसे परेशान किया।
अपने सुसाइड नोट में टॉपर छात्र ने लिखा, ''पिताजी और मां कृपया मुझे माफ कर दें। मेरे लिए कोई रास्ता नहीं है। मैं कर्ज चुकाने में सक्षम नहीं हूं और मैंने अपना जीवन समाप्त करने का फैसला किया है। धन्यवाद अलविदा।"
मामले की जालहल्ली पुलिस ने जांच शुरू की।
3 जून, 2023: कर्नाटक पुलिस ने बेंगलुरु में 5,000 रुपये की ऋण राशि का भुगतान करने के लिए सोने की चेन छीनने के प्रयास के आरोप में एक छात्र और उसके दो दोस्तों को गिरफ्तार किया था। आरोपी ने कबूल किया कि उसने अपराध का सहारा लिया क्योंकि वह लोन ऐप द्वारा डाले जा रहे ऋण राशि के भुगतान से परेशान था।
आरोपी ने एक ऑनलाइन ट्रेडिंग ऐप पर 15 हजार रुपये का निवेश किया था। उसने शुरुआत में मुनाफा कमाया, लेकिन बाद में नुकसान उठाना पड़ा। उसे ऑनलाइन ट्रेड में निवेश के लिए एक लोन ऐप से 15,000 रुपये का लोन मिला। उसने 10,000 रुपये लौटा दिए थे और बाकी 5,000 रुपये लौटाने के लिए अपराध की राह को चुना।
एनजीओ सदस्य की आड़ में एक महिला ने पर्चा देने के बहाने एक बुजुर्ग महिला की सोने की चेन छीनने की कोशिश की। जब बुजुर्ग महिला मदद के लिए चिल्लाई तो वह मौके से भाग गई। पुलिस द्वारा उसे पकड़ने के बाद बुजुर्ग महिला ने उसकी कहानी सुनकर अपनी शिकायत वापस लेने का फैसला किया।
26 नवंबर, 2021: कर्नाटक पुलिस ने बेंगलुरु में चीनी नागरिकों द्वारा अत्यधिक ब्याज पर ऋण देने और कानूनों का उल्लंघन करके ग्राहकों को परेशान करने और अपमानित करने वाले एक रैकेट का भंडाफोड़ किया। जांच से पता चला कि इन चीनी नागरिकों ने भारतीयों के नाम पर बैंक खाते खोले और फर्जी लेनदेन को अंजाम दिया और करोड़ों रुपये चीन में ट्रांसफर किए।
जांच से पता चला कि 52 कंपनियां पंजीकृत थीं और निजी बैंकों में बैंक खाते खोले गए थे। उधारकर्ताओं द्वारा भुगतान किया गया ब्याज उन खाता संख्याओं में जमा किया गया था।
शुरुआती जांच के मुताबिक, इन खातों से ऑनलाइन ट्रांसफर के जरिए करोड़ों रुपये चीन भेजे गए हैं। चीनी नागरिकों ने कर्मचारियों से आधार और पैन कार्ड जैसे दस्तावेज एकत्र किए और अपने नाम पर 5-6 कंपनियां पंजीकृत कीं।
ये कुछ कहानियां हैं, जिनमें ज्यादातर चीनी कंपनियों द्वारा संचालित लोन ऐप धोखाधड़ी शामिल है।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि वे कर्नाटक मनी लैंडर्स, आईटी एक्ट, कर्नाटक अत्यधिक ब्याज वसूलने पर प्रतिबंध अधिनियम, अनियमित जमा योजनाओं पर प्रतिबंध अधिनियम के माध्यम से कानूनों का उल्लंघन करने वाले और ग्राहकों का शोषण करने वाले लोन ऐप्स से निपटने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन निर्णायक कार्रवाई राज्य और केंद्र सरकार द्वारा संयुक्त रूप से की जानी चाहिए।
कर्नाटक विधानमंडल ने हाल ही में संपन्न सत्र में राज्य में लोन ऐप्स के खतरे के बारे में विस्तार से चर्चा की थी। कांग्रेस सरकार ने यह भी घोषणा की थी कि लोगों का शोषण करने वाले 42 लोन ऐप्स के खिलाफ कार्रवाई शुरू की जाएगी।
बीजेपी एमएलसी डी.एस. अरुण ने परिषद में यह मुद्दा उठाया था और कहा था कि ऑनलाइन गेमिंग, ऑनलाइन लोन ऐप्स लोगों का उत्पीड़न कर रहे हैं। खासतौर पर गेमिंग एप्लिकेशन और ऑनलाइन लोन ऐप्स युवाओं और छात्रों की जिंदगी बर्बाद कर रहे हैं। उन्होंने मशहूर हस्तियों द्वारा ऐसे ऐप्स को बढ़ावा देने पर चिंता जताई और कहा कि इससे युवा जुए में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित होंगे।
अरुण ने बताया कि ऐसे करीब 800 ऐप काम कर रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने कहा था कि इस समस्या पर केंद्र सरकार और गूगल से चर्चा की जा रही है। ऐसे 42 ऐप्स पहले ही एंड्रॉइड प्ले स्टोर से हटा दिए गए हैं।
ऐसे ऐप्स के खिलाफ कई कदम उठाए गए हैं। चूंकि केंद्र सरकार ऐप्स को नियंत्रित और मॉनिटर कर रही है, इसलिए अकेले राज्य सरकार के लिए कार्रवाई करना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि इस मामले पर राज्य सरकार केंद्र से चर्चा करेगी।
सेवानिवृत्त एसीपी और राजनेता लोकेश्वर ने आईएएनएस को बताया कि कर्नाटक में कहीं भी उन्होंने स्थानीय पुलिस को ऐसे मामलों पर गंभीरता से ध्यान देते हुए नहीं देखा है और ऋण ऐप धोखाधड़ी में शामिल लोगों पर नज़र रखने के लिए गंभीर प्रयास किए गए हैं।
उन्होंने कहा, ''निचले स्तर पर निगरानी की जानी चाहिए और पुलिस स्टेशनों के अधिकार क्षेत्र में चेन लिंक योजनाओं, ऐप्स की निगरानी की जानी चाहिए। इस संबंध में साइबर अपराध पुलिस के पास शिकायतों का अंबार लगा हुआ है और वे इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं कर सकते, क्योंकि संसाधन सीमित हैं। आरोपी किसी अज्ञात स्थान पर बैठकर फोन पर सब कुछ मैनेज करते हैं। उन्हें ट्रैक नहीं किया जाएगा। क्षेत्राधिकार पुलिस के पास ऐसे मामलों से निपटने की शक्ति है और उन्हें इस संबंध में ध्यान और जिम्मेदारी दी जानी चाहिए।''
लोकेश्वर ने आगे कहा कि हैदराबाद पुलिस अच्छी तरह से सुसज्जित है और सरकार द्वारा आवश्यक तकनीकी सहायता प्रदान की जाती है।
"वे कार्रवाई कर रहे हैं और उन्हें एक्टिव टीम मिली है। उन्होंने इस संबंध में महत्वपूर्ण गिरफ्तारियां की हैं, ताकि कर्नाटक में भी फर्जी लोन ऐप्स पर लगाम लगाई जा सके।"
--आईएएनएस
पीके/एसजीके