मुंबई, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)। अस्पतालों में मौतों को लेकर विपक्ष के निशाने पर आए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने गुरुवार को सभी कलेक्टरों को अपने जिलों के सरकारी अस्पतालों का दौरा करने और तुरंत स्टेटस रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया।कलेक्टरों को राज्यभर के सभी सरकारी, नागरिक अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और मेडिकल कॉलेजों से जुड़े अस्पतालों का दौरा करने और वहां की मौजूदा स्थिति पर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा गया है।
शिंदे ने कलेक्टरों को अपने संबंधित अधिकार क्षेत्र के तहत सरकारी अस्पतालों का दैनिक/नियमित आधार पर दौरा करने और वहां की स्थिति की निगरानी करने का भी निर्देश दिया, हालांकि विपक्षी महा विकास अघाड़ी और अन्य दल सरकार पर हमलावर हैं।
इस सप्ताह नांदेड़, छत्रपति संभाजीनगर, नागपुर के सरकारी अस्पतालों में और अगस्त की शुरुआत में उनके गृहनगर ठाणे के सरकारी अस्पतालों में मरीज़ों की मौत से लोगों में आक्रोश भड़क उठा था।
मुख्यमंत्री के साथ वीडियो-कॉन्फ्रेंस में मुख्य सचिव मनोज सौनिक, अतिरिक्त सीएस सार्वजनिक स्वास्थ्य मिलिंद म्हैसकर, प्रमुख सचिव, चिकित्सा शिक्षा दिनेश वाघमारे और संबंधित विभागों के अन्य अधिकारी और सभी कलेक्टर शामिल थे।
शिंदे ने दोहराया कि नांदेड़ और छत्रपति संभाजीनगर में मौत के मामलों की जांच के लिए एक राज्यस्तरीय समिति नियुक्त की गई है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
सीएम ने उपचारात्मक उपायों का उल्लेख करते हुए कहा कि कलेक्टरों को दवाएं खरीदने का अधिकार दिया गया है और उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि दवाओं की खरीद में कोई देरी न हो।
उन्होंने आश्वासन दिया, "स्वास्थ्य प्रणाली राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। हम स्वास्थ्य प्रणाली की मजबूती के लिए एक अल्पकालिक और दीर्घकालिक योजना तैयार करने पर काम कर रहे हैं और इसे लागू करने के लिए धन की कोई कमी नहीं होगी।"
उन्होंने संभागीय आयुक्तों, कलेक्टरों, अस्पतालों के अधीक्षकों और जिला सर्जनों से आह्वान किया कि वे स्वास्थ्य प्रणाली के लिए एक टीम के रूप में काम करें और आवश्यकता पड़ने पर आवश्यक धनराशि और अतिरिक्त उपकरण तुरंत उपलब्ध कराए जाएं।
जनशक्ति की कमी के मामले में सरकार ने जिला स्तर पर आउटसोर्सिंग का अधिकार दिया है, और ऐसे मामलों में देरी होनी चाहिए, अन्यथा संबंधित अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
सीएम ने कहा कि दवाओं की उपलब्धता के संबंध में एक राज्य स्तरीय डैशबोर्ड है, और कहा कि इसका उपयोग सभी अस्पतालों द्वारा तत्काल आवश्यक दवाओं या उपकरणों की खरीद के लिए प्रभावी ढंग से किया जाना चाहिए।
शिंदे के निर्देश तब आए, जब राज्य कांग्रेस के नेतृत्व में राज्यपाल रमेश बैस से मिले एक प्रतिनिधिमंडल ने अस्पताल में हुई मौतों की जांच सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से कराने, सभी मृतक पीड़ितों के परिजनों को मुआवजा देने और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री को हटाने की मांग की।
--आईएएनएस
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