iGrain India - बैंकॉक । दक्षिण-पूर्व एशिया में स्थित थाईलैंड दुनिया में ब्राजील के बाद चीनी का दूसरा सबसे प्रमुख स्थायी निर्यातक और ब्राजील तथा भारत के बाद तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है।
वहां अल नीनो मौसम चक्र के प्रकोप एवं प्रभाव से 2023-24 के मार्केटिंग सीजन में गन्ना तथा चीनी का उत्पादन प्रभावित हुआ था और 2024-25 के सीजन में भी उत्पादन का परिदृश्य अनिश्चित प्रतीत होता है। वैसे इस बार अल नीनो का कोई खास असर नहीं पड़ेगा।
थाईलैंड में अप्रैल-जून के दौरान भीषण गर्मी का दौर रहा जिससे गन्ना की फसल आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गई। थाईलैंड के मौसम विभाग ने 6 मई 2024 को कहा था कि देश के कुल 77 प्रांतों में से तीन दर्जन से अधिक प्रांतों में अप्रैल माह के दौरान रिकॉर्ड तोड़ गर्मी दर्ज की गई जिसने वर्ष 1958 के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया।
2023-24 के मार्केटिंग सीजन के दौरान थाईलैंड में न कवल गन्ना की औसत उपज दर में गिरावट आई बल्कि गन्ना से चीनी की औसत रिकवरी दर भी घटकर पिछले 13 वर्षों के सबसे निचले स्तर पर सिमट गई।
थाई शुगर मिलर्स कॉर्प ने फरवरी 2024 की अपनी रिपोर्ट में 2023-24 सीजन के दौरान चीनी का कुल घरेलू उत्पादन घटकर 75 लाख टन पर सिमट जाने का अनुमान लगाया था लेकिन 22 अप्रैल को जो सरकारी आंकड़ा जारी हुआ उसमें चीनी का उत्पादन 87.70 लाख टन बताया गया।
ज्ञात हो कि थाईलैंड में गन्ना की क्रशिंग आमतौर पर दिसम्बर में शुरू होती है और अगले साल अप्रैल तक जारी रहती है।
थाईलैंड के प्रमुख गन्ना उत्पादक इलाकों में अब भी अच्छी वर्षा की सख्त आवश्यकता है। वहां बारिश तो हो रही है मगर इसका वितरण असमान बताया जा रहा है।
तापमान अभी तक ऊंचे स्तर पर चल रहा है इसलिए दो वर्षा के बीच यदि 15-20 दिनों का भी अंतर रहता है तो गन्ना की फसल के क्षतिग्रस्त होने का खतरा बढ़ जाता है। थाइलैंड से कच्ची और सफेद-दोनों तरह की चीनी का निर्यात दुनिया के विभिन्न देशों में किया जाता है।