रामल्लाह, 7 सितम्बर (आईएएनएस)। फिलिस्तीन और इजरायल के सूत्रों की मानें तो इजरायली सेना 10 दिनों के ऑपरेशन के बाद जेनिन के वेस्ट बैंक शहर से हट गई, जहां ऑपरेशन के दौरान 21 लोगों के मारे जाने का दावा किया गया था।
हालांकि, इजरायल के मुताबिक ऑपरेशन अभी खत्म नहीं हुआ है। वो जल्द ही जेनिन और अन्य स्थानों पर वापस लौटेंगे।
फिलिस्तीनी सुरक्षा सूत्रों ने शुक्रवार को कहा कि ऑपरेशन के दौरान, इजरायली बलों ने बुनियादी ढांचे और आवासीय भवनों को काफी नुकसान पहुंचाया, जिससे शहर के बड़े इलाकों में बिजली, संचार और इंटरनेट ठप्प हो गया।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, प्रारंभिक क्षति के आकलन के अनुसार, फिलिस्तीनी नागरिक सुरक्षा ने घोषणा की कि जेनिन शहर और उसके शिविर में 25 किमी से अधिक सड़कें सेना के ऑपरेशन से पूरी तरह नष्ट हो गई।
इस बीच, इजरायली सार्वजनिक प्रसारक कान ने बताया कि सेना ने ऑपरेशन के दौरान "आतंकवादियों" का सफाया कर दिया, 40 से अधिक संदिग्धों को गिरफ्तार किया, 24 हथियार जब्त किए और दर्जनों विस्फोटक उपकरणों को नष्ट कर दिया।
हालांकि, इजरायली सुरक्षा सूत्रों ने ब्रॉडकास्टर को बताया कि ऑपरेशन खत्म नहीं हुआ है, और "हम जल्द ही जेनिन और अन्य स्थानों पर लौट आएंगे।
गुरुवार को, रामल्ला स्थित फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि 28 अगस्त को इजरायली सैन्य अभियान शुरू होने के बाद से वेस्ट बैंक में 39 फिलिस्तीनी मारे गए हैं और लगभग 150 अन्य घायल हो गए हैं।
इजराइली सैन्य अधिकारियों ने कहा कि इस ऑपरेशन में जेनिन, तुलकेरेम और अल-फरा शरणार्थी शिविर में आतंकवादियों को टारगेट किया गया, जिसे इजराइल और हमास के बीच युद्ध शुरू होने के बाद से वेस्ट बैंक में सबसे बड़ा इजराइली ऑपरेशन कहा जा सकता है।
सरकार संचालित फिलिस्तीन समाचार एजेंसी ने फिलिस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय का हवाला देते हुए कहा कि हमले में 21 फिलिस्तीनी मारे गए, जिससे जेनिन शहर को भी व्यापक क्षति हुई।
आईडीएफ ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि उसने वेस्ट बैंक में रात भर आतंकवाद विरोधी अभियान चलाया था, जिसमें मुहम्मद जकारिया जुबैदी की हत्या कर दी गई थी, जो अल-अक्सा शहीद ब्रिगेड के जेनिन प्रमुख, जेल में बंद प्रमुख आतंकवादी जकारिया जुबैदी का बेटा है।
जेनिन, मूल रूप से एक शरणार्थी शिविर है जो 1948 में इजराइल के निर्माण के बाद युद्ध के दौरान अपने घर छोड़कर भाग गए फिलिस्तीनियों को रखने के लिए बनाया गया था, छापे के बाद इसके पानी और बिजली सेवाओं में कटौती देखी गई है।
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