नई दिल्ली, 29 जनवरी (आईएएनएस)। वित्त मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि अब इसकी पूरी संभावना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था वित्तवर्ष 2024 में 7 फीसदी या उससे ऊपर की विकास दर हासिल करेगी, जबकि कुछ का अनुमान है कि अगले साल यह 7 फीसदी की वृद्धि दर हासिल करेगी। वित्तवर्ष 25 में भी वास्तविक वृद्धि यदि वित्तवर्ष 2015 के लिए पूर्वानुमान की तरह सही साबित होता है, तो यह महामारी के बाद चौथा वर्ष होगा, जब भारतीय अर्थव्यवस्था 7 प्रतिशत या उससे अधिक की दर से बढ़ेगी। यह एक प्रभावशाली उपलब्धि होगी, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के लचीलेपन और क्षमता की गवाही देगी।
वित्त मंत्रालय ने कहा, "कुछ अर्थशास्त्री काफी योग्यता के साथ तर्क देते हैं कि सभी विकास समान नहीं हैं। वे सही हैं। जब विश्व अर्थव्यवस्था 4 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है, तो भारत के लिए 8-9 प्रतिशत की दर से बढ़ना एक बात है, लेकिन जब विश्व अर्थव्यवस्था 2 प्रतिशत की दर से बढ़ने के लिए संघर्ष कर रही है, तब 7 प्रतिशत या उससे अधिक की दर से वृद्धि करना दूसरी बात है।
वित्त मंत्रालय ने भारतीय अर्थव्यवस्था की समीक्षा में कहा, "बाद की परिस्थिति में विकास की एक इकाई गुणात्मक रूप से पहले की तुलना में बेहतर है।" अंतरिम बजट (1 फरवरी) से कुछ दिन पहले। दूसरे परिदृश्य में विकास की सीमांत उपयोगिता बहुत अधिक है। वैश्विक अर्थव्यवस्था कोविड के बाद अपनी रिकवरी को बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रही है, क्योंकि लगातार झटके ने इसे प्रभावित किया है। उनमें से कुछ, जैसे कि आपूर्ति श्रृंखला व्यवधान, 2024 में वापस आ गए हैं। यदि वे जारी रहते हैं, तो वे दुनियाभर में व्यापार प्रवाह, परिवहन लागत, आर्थिक उत्पादन और मुद्रास्फीति को प्रभावित करेंगे। भारत इससे मुक्त नहीं होगा, लेकिन 2022 में कोविड और ऊर्जा और कमोडिटी की कीमतों के झटके का सामना और सामना कर चुका है।
समीक्षा में कहा गया है कि भारत चुपचाप उभरती गड़बड़ी का सामना करने को लेकर आश्वस्त है। यह आर्थिक मामलों के विभाग द्वारा तैयार किया गया आर्थिक सर्वेक्षण नहीं है। वह आम चुनाव के बाद पूर्ण बजट से पहले आएगा।
--आईएएनएस
एसजीके/