काठमांडू, 5 मार्च (आईएएनएस)। नेपाल में नए राजनीतिक बदलाव के पीछे बीजिंग का हाथ होने की अटकलें तेज हैं। चीनी विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि चीन नेपाल में नई सरकार के साथ काम करने के लिए तैयार है।नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' ने नेपाली कांग्रेस के साथ सालभर चले राजनीतिक गठबंधन को तोड़ते हुए सोमवार को नेपाल की सबसे पुरानी पार्टी से नाता तोड़ लिया और सीपीएन-यूएमएल व राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी को गठबंधन में शामिल कर अपने मंत्रिमंडल का पुनर्गठन किया।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने मंगलवार को बीजिंग में एक नियमित संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि चीन नई नेपाली सरकार के साथ काम करने को इच्छुक है।
प्रवक्ता ने कहा, "हमें पूरी उम्मीद है कि नेपाल में सभी दल एकजुट होंगे और नई सरकार के गठन से संबंधित कार्यों को सुचारु रूप से आगे बढ़ाने और राजनीतिक स्थिरता, आर्थिक विकास और लोगों की आजीविका में सुधार हासिल करने के लिए सहयोग करेंगे।"
प्रचंड ने नेपाली कांग्रेस के साथ गठबंधन तोड़ने के बाद सोमवार को नए मंत्रिमंडल में तीन मंत्रियों को शामिल किया, जिनमें से एक उनकी पार्टी सीपीएन (माओवादी सेंटर), एक सीपीएन-यूएमएल से और एक राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी से है।
गठबंधन तोड़ने के प्रचंड के फैसले के बाद नेपाली कांग्रेस मंगलवार तक अपना समर्थन वापस लेने की तैयारी में है।
एक मैत्रीपूर्ण पड़ोसी और सहयोगी भागीदार के रूप में चीन नेपाल-चीन संबंधों को बहुत महत्व देता है और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के पांच सिद्धांतों का पालन करने, पारंपरिक मित्रता बढ़ाने, व्यावहारिक सहयोग को गहरा करने और नेपाल-चीन को बढ़ावा देने के लिए नई नेपाली सरकार के साथ काम करने को तैयार है। निंग ने कहा, विकास और समृद्धि की ओर उन्मुख चिरस्थायी मित्रता के लिए रणनीतिक सहयोग।
बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) के तहत परियोजनाओं में तेजी लाने में विफल रहने, भ्रष्टाचार के मुद्दे पर चीनी कंपनियों और ठेकेदारों द्वारा शुरू की गई परियोजनाओं को पूरा नहीं करने और एक महत्वाकांक्षी हवाई अड्डे की चल रही जांच के लिए चीन को काठमांडू में कई विवादों का सामना करना पड़ रहा है।
चीन काठमांडू में बहुत ही अजीब स्थिति में है और वह दो प्रमुख कम्युनिस्ट पार्टियों - यूएमएल और माओवादी सेंटर को पुनर्गठित करने पर तुला हुआ था, ताकि नेपाल में उसकी छवि में सुधार हो सके।
प्रवक्ता निंग ने कहा, साझेदारी आगे विकसित होगी और दोनों देशों के लोगों के लिए अधिक लाभ पैदा करेगी।
--आईएएनएस
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