मुम्बई (आई-ग्रेन इंडिया)। चीन के बाद भारत दुनिया में धान एवं चावल का दूसरा सबसे प्रमुख उत्पादक देश है जबकि अब यह संसार में खाद्य श्रेणी के राइस ब्रान तेल का सबसे बड़ा उत्पादक देश बन गया है।
वर्तमान समय में देश के अंदर करीब 10.50 लाख टन राइस ब्रान तेल का वार्षिक उत्पादन होता है जबकि इसे 8-10 लाख टन तक और बढ़ाया जा सकता है।
भारत में धान के 10 शीर्ष उत्पादक राज्यों में पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश-तेलंगाना, पंजाब, बिहार, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, आसाम, तमिलनाडु एवं हरियाणा शामिल हैं।
जहां तक राइस ब्रान तेल का सवाल है तो वर्ष 2019-20 के सीजन से ही इसका घरेलू उत्पादन 10.50 लाख टन पर स्थिर बना हुआ है जबकि इससे पूर्व यह 9.30 से 10.30 लाख टन वार्षिक के बीच दर्ज किया जा रहा था। देश में धान-चावल के उत्पादन में हाल के वर्षों में अच्छी वृद्धि होने के बावजूद राइस ब्रान तेल का उत्पादन नहीं बढ़ रहा है।
2021-22 के सीजन के दौरान देश में 19 करोड़ टन धान, 12.80 करोड़ टन चावल तथा 10.50 लाख टन राइस ब्रान तेल का उत्पादन हुआ। चावल से 6 प्रतिशत की औसत रिकवरी दर के आधार पर 109 लाख टन राइस ब्रान का उत्पादन आंका गया जबकि राइस ब्रान से 17 प्रतिशत तेल की औसत रिकवरी दर के आधार पर 19 लाख टन राइस ब्रान तेल का उत्पादन होना चाहिए था। लेकिन महज 70 लाख टन राइस ब्रान की प्रोसेसिंग हुई और इससे 10.50 लाख टन तेल का निर्माण हुआ। इसका मतलब यह हुआ कि यदि राइस ब्रान की सम्पूर्ण उपलब्ध मात्रा की प्रोसेसिंग हो जाती तो राइस ब्रान तेल का उत्पादन 8.50 लाख टन और बढ़ जाता।
वैश्विक स्तर पर 2021-22 के सीजन में 51.397 करोड़ टन चावल का उत्पादन हुआ जिससे 4.37 करोड़ टन राइस ब्रान का निर्माण हुआ। 17 प्रतिशत की तेल रिकवरी दर के आधार पर इससे कुल 74.30 लाख टन राइस ब्रान तेल का उत्पादन हो सकता था लेकिन वास्तविक उत्पादन केवल 22 लाख टन तक पहुंच सका।
इसका मतलब यह है कि 52.30 लाख टन तेल का अतिरिक्त उत्पादन होने की गुंजाईश बाकी रह गई जो कुल राइस ब्रान उत्पादन का 70 प्रतिशत है। राइस ब्रान तेल का उत्पादन भारत में 10.50 लाख टन, चीन में 6 लाख टन, बांग्ला देश में 2.50 लाख टन, थाईलैंड में 1.70 लाख टन, जापान में 80 हजार टन, वियतनाम में 40 हजार टन एवं अन्य देशों में 50 हजार टन सहित विश्व स्तर पर 22.40 लाख टन दर्ज किया गया।
भारत में पहले राइस ब्रान तेल का उपयोग वनस्पति घी के निर्माण में तथा अन्य खाद्य तेलों के साथ मिश्रण करने में होता था लेकिन अब रिफाइंड राइस ब्रान तेल का इस्तेमाल एक स्वास्थ्यवर्धक खाद्य तेल के रूप में सीधे मानवीय खपत में बड़े पैमाने पर होने लगा है।