नई दिल्ली (आई-ग्रेन इंडिया)। पिछले साल की तुलना में इस बार गेहूं की सरकारी खरीद की स्थिति काफी अच्छी देखी जा रही है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2022 के रबी मार्केटिंग सीजन की सम्पूर्ण अवधि में कुल मिलाकर 187.92 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद हुई थी जबकि चालू वर्ष में 30 अप्रैल तक ही खरीद की मात्रा 34 लाख टन घटकर 222.15 लाख टन पर पहुंच गई।
चालू रबी मार्केटिंग सीजन में गेहूं की खरीद की प्रक्रिया अभी जारी है।
उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार चालू रबी मार्केटिंग सीजन के दौरान 30 अप्रैल तक पंजाब में 106.50 लाख टन, हरियाणा में 58.30 लाख टन, मध्य प्रदेश में 55.60 लाख टन, उत्तर प्रदेश में 1.30 लाख टन, राजस्थान में 38 हजार टन तथा केन्द्र शासित प्रदेश- चंडीगढ़ में 7 हजार टन गेहूं की सरकारी खरीद हुई।
इन आंकड़ों से स्पष्ट संकेत मिलता है कि पिछले साल की भांति इस बार भी उत्तर प्रदेश, राजस्थान एवं बिहार में गेहूं की खरीद का प्रदर्शन लचर रह सकता है।
अच्छी बात यह है कि केन्द्रीय पूल में सर्वाधिक योगदान देने वाले तीन राज्यों- पंजाब, हरियाणा एवं मध्य प्रदेश में गेहूं की खरीद गत वर्ष से काफी आगे निकल गई है।
वर्ष 2022 के सम्पूर्ण रबी मार्केटिंग सीजन के दौरान पंजाब में सरकारी एजेंसियों द्वारा 96.45 लाख टन, हरियाणा में 41.86 लाख टन तथा मध्य प्रदेश में 46.03 लाख टन गेहू खरीदा गया था जो इस वर्ष बढ़कर क्रमश: 106.50 लाख टन, 58.30 लाख टन एवं 55.60 लाख टन पर पहुंच गया है।
हरियाणा एवं मध्य प्रदेश की मंडियों में गेहूं की आवक कम हो रही है मगर पंजाब में आपूर्ति की स्थिति संतोषजनक बनी हुई है। यदि यूपी, राजस्थान एवं बिहार से अपेक्षित सहयोग नहीं मिला तो चालू सीजन के लिए खाद्य मंत्रालय द्वारा निर्धारित 341.50 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य हासिल होना असंभव हो जाएगा।
मोटे तौर पर इस बार कुल मिलाकर गेहूं की सरकारी खरीद 250 लाख टन के आसपास पहुंचने की उम्मीद है।
गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2125 रुपए प्रति क्विंटल नियत किया है जबकि मंडी भाव कहीं ऊंचा तो कहीं नीचे चल रहा है।