अहमदाबाद (आई-ग्रेन इंडिया)। देश के पश्चिमी प्रान्त- गुजरात के कृषि विभाग ने 2022-23 के खरीफ, रबी एवं जायद सीजन के लिए कृषि उत्पादन का तीसरा अग्रिम अनुमान जारी कर दिया है। 2021-22 सीजन की तुलना में 2022-23 के दौरान कुछ फसलों के उत्पादन में बढ़ोत्तरी होने तो कुछ अन्य जिंसों के उत्पादन में गिरावट आने की संभावना व्यक्त की गई है।
कृषि विभाग की रिपोर्ट के अनुसार 2022-23 सीजन के दौरान गुजरात में 26.40 लाख टन चावल, 40.88 लाख टन गेहूं, 11.62 लाख टन बाजरा एवं 8.23 लाख टन मक्का का उत्पादन होने की संभावना है। पिछले सीजन में वहां 21.00 लाख टन चावल, 40.18 लाख टन गेहूं, 10.89 लाख टन बाजरा तथा 8.16 लाख टन मक्का का उत्पादन हुआ था।
दलहन फसलों का उत्पादन 2021-22 के 27.00 लाख टन से घटकर 18.93 लाख टन रह जाने का अनुमान।
इसके तहत तुवर का उत्पादन 2.91 लाख टन से फिसलकर 2.87 लाख टन, उड़द का उत्पादन 1.30 लाख टन से घटकर 83 हजार टन, मूंग का उत्पादन 1.36 लाख टन से गिरकर 1.17 लाख टन तथा चना का उत्पादन 21.00 लाख टन से लुढ़ककर 14.91 लाख पर सिमट जाने का अनुमान लगाया गया है।
रबी सीजन में वहां चना का बिजाई क्षेत्र काफी घट गया था।
तिलहन फसलों का उत्पादन 2021-22 के 70.72 लाख टन से सुधरकर 2022-23 में 71.32 लाख टन पर पहुंचने की उम्मीद ।
मूंगफली का उत्पादन 44.90 लाख टन से बढ़कर 45.36 लाख टन तथा अरंडी का उत्पादन 14.00 लाख टन से बढ़कर 14.95 लाख टन पर पहुंचने का अनुमान लगाया गया है जबकि तिल का उत्पादन 1.33 लाख टन से गिरकर 1.25 लाख टन, सरसों का उत्पादन 6.78 लाख टन से घटकर 6.07 लाख टन एवं सोयाबीन का उत्पादन 3.66 लाख टन से फिसलकर 3.65 लाख टन रह जाने की संभावना है।
नकदी या व्यापारिक फसलों के संवर्ग में 2021-22 सीजन के मुकाबले 2022-23 सीजन के दौरान गुजरात में कपास (रूई) का उत्पादन 73.88 लाख गांठ (170 किलो की प्रत्येक गांठ) से उछलकर 94.95 लाख गांठ पर पहुंचने की उम्मीद व्यक्त की गई है ।
जबकि गन्ना का उत्पादन 174.60 लाख टन से घटकर 162.15 लाख टन पर सिमटने का अनुमान लगाया गया है। इसी तरह ग्वार का उत्पादन भी काफी घटने की संभावना है।
मसाला फसलों में जीरा का उत्पादन गत वर्ष के 2.21 लाख टन से घटकर इस बार 2.00 लाख टन पर सिमटने का अनुमान है जबकि दूसरी ओर धनिया का उत्पादन 2.08 लाख टन से उछलकर 3.76 लाख टन तथा सौंफ का उत्पादन 74 हजार टन से बढ़कर 92 हजार टन पर पहुंचने की उम्मीद व्यक्त की गई है।
ईसबगोल का उत्पादन पिछले साल के स्तर पर ही बरकरार रहेगा।