नई दिल्ली (आई-ग्रेन इंडिया)। घरेलू बाजार में तुवर की आपूर्ति एवं उपलब्धता कम होने तथा भाव ऊंचा एवं तेज रहने से आम उपभोक्ताओं को होने वाली कठिनाई को देखते हुए केन्द्र सरकार द्वारा सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। इसी क्रम में केन्द्रीय उपभोक्ता मामले विभाग के आर्थिक सलाहकार ने शीर्ष व्यापारिक संस्था- इंडियन पल्सेस एंड ग्रेन्स एसोसिएशन (इपगा, मुम्बई) के चेयरमैन को एक पत्र भेजा है जिसमें कहा गया है कि विदेशों से तुवर एवं उड़द मंगाने वाले आयातकों को कस्टम क्लीयरेंस के बाद एक माह के अंदर अपना स्टॉक घरेलू बाजार में उतारना अनिवार्य होगा अन्यथा राज्य सरकार उसके खिलाफ कोई भी सख्त कदम उठाने के लिए स्वतंत्र होगी।
पत्र में इपगा को अपने सभी सम्बन्धित संघों- संगठनों एवं सदस्यों को केन्द्र सरकार के इस निर्णय (निर्देश) या एडवायजरी से अवगत करवाने और इसका पालन सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है।
इसके अलावा पत्र में यह भी कहा गया है कि विभिन्न पक्षकारों (व्यापारियों, दाल मिलर्स, स्टॉकिस्टों तथा आयातकों) को साप्ताहिक आधार पर प्रत्येक शुक्रवार को सरकारी पोर्टल पर अपने दलहनों के स्टॉक के विवरण का खुलासा करना अनिवार्य है। इस पर गहरी नजर रखी जा रही है। घरेलू बाजार में साबुत तुवर एवं उड़द तथा इसकी दली (प्रोसेस्ड) दालों की बढ़ती कीमतों को देखते हुए आयातकों को 'सुझाव' (वस्तुत: निर्देश) दिया जाता है कि वे कस्टम क्लीयरेंस मिलने की तिथि से 30 दिनों से ज्यादा समय तक आयातित माल के स्टॉक को अपने पास न रखें और उसे घरेलू बाजार में उतार दें।
जो व्यापारी, मिलर्स, स्टाकिस्ट एवं आयातक अब तक सरकारी पोर्टल पर अपना स्टॉक का विवरण अपडेट (अपलोड) नहीं करवा सके हैं उसे इसमें तत्काल सक्रियता दिखानी चाहिए अन्यथा उसके स्टॉक के बारे में राज्य सरकार समुचित निर्णय ले सकती है।
स्पष्ट तौर पर सरकार तुवर एवं उड़द आयातकों के प्रति सख्त रवैया अपनाने का प्रयास कर रही है और व्यापारियों- मिलर्स को भी आगाह कर रही है।
आई-ग्रेन इंडिया भी बार-बार उसे स्टॉक विवरण का खुलासा करने का आग्रह करता रहा है।