सरसों ऑयल फैक्टरियां डिस्पैरिटी में होने से अपनी उत्पादन क्षमता से काफी कम पर काम कर रही है और बड़ी संख्या में फैक्टरियां बंद पड़ी है। सरकार को आयातित तेलों से घरेलू तेल इंडस्ट्री को हो रहे नुकसान से बचना होगा। किसानों और इंडस्ट्री के हित में एमएसपी के बजाय भावांतर योजना लानी चाहिए। सरसों और सरसों तेल के दाम काफी नीचे आ जाने से अब सरसों वायदा को फिर से शुरु करने की अनुमति देनी चाहिए। यदि यही हाल रहा तो जहां किसान सरसों से मुंह मोंडेंगे वही हम तेलों के मामले में आत्मनिर्भर नही हो पाएंगे, जो कि सरकार का सपना है। सरसों और सरसों तेल इंडस्ट्री के हित में क्या होना चाहिए..पर ऑयल मिल एसोसिएशन, निवाई के चेयरमैन पारस कुमार जैन से बातचीत की।