iGrain India - मास्को । रूस की अनाज निर्यात कंपनी- फ़ूड एक्सपोर्ट ट्रेड एलएलसी (फेट) ने चीन के साथ एक महत्वपूर्ण व्यापारिक करार पर हस्ताक्षर किया है जिसके तहत अगले 12 वर्षों के दौरान रूप से चीन को 26 अरब डॉलर मूल्य के 7 करोड़ टन अनाज, दलहन एवं तिलहन का निर्यात किया जाएगा।
यह करार कनाडा के लिए काफी हानिकारक साबित होने वाला है क्योंकि चीन अभी तक कनाडा से भारी मात्रा में गेहूं, मटर एवं कैनोला मंगा रहा था। रूस में गेहूं, मटर एवं सूरजमुखी का विशाल उत्पादन होता है और वह चीन की मांग को पूरा करने में काफी हद तक सक्षम है।
भारत से रिश्ता खराब होने के बाद कनाडाई मसूर के निर्यातक कारोबार पर पहले से ही संकट मंडरा रहा है। यदि चीन के मटर के निर्यात में व्यवधान उत्पन्न हुआ तो कनाडा के उत्पादकों- निर्यातकों की कठिनाई काफी बढ़ सकती है।
उल्लेखनीय है कि चीन कनाडाई मटर का सबसे बड़ा खरीदार है। जानकारों के अनुसार चूंकि यह एक दीर्घ कालीन करार है इसलिए कनाडा को लम्बे समय तक इसका प्रभाव महसूस होगा। रूस का कृषि उत्पाद काफी सस्ता होता है और उसकी चुनौती का सामना करने में कनाडा के निर्यातकों को भारी कठिनाई होगी।
इससे पूर्व रूस के फेट तथा चाइनीज व्यापार निगम के बीच जो करार हुआ था उसके तहत रूस से चीन को कृषि उत्पादों की 10 करोड़ टन मात्रा की आपूर्ति की गई थी।
रुसी कम्पनी फेट का कारोबारी दायरा काफी फैला हुआ है और इसलिए कनाडा के साथ-साथ अमरीका भी इस करार से परेशान है। फेट के पास प्रति वर्ष 80 लाख टन कृषि उत्पादों के निर्यात शिपमेंट की क्षमता मौजूद है।